रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश में नशा विरोधी अभियान के निर्देश से जिला आबकारी विभाग बेअसर है। हालात ऐसे बने हुए हैं कि पुलिस कप्तान अभिषेक तिवारी के निर्देश पर थानास्तर पर कार्रवाई का दौर जारी है, लेकिन शराब नीति को संचालित करने वाला आबकारी विभाग ठेकेदारों से मिलीभगत कर जिले के सभी गांवों में किराने से लेकर चाय की दुकानों पर अवैध शराब बिक्री में मशगूल है। आबकारी विभाग के जिम्मेदारों को यह भी जानकारी नहीं है कि उन्होंने पिछले 1 माह में अवैध शराब की बिक्री को लेकर कब और कहां कार्रवाई की।
आबकारी विभाग की लापरवाही से नामली में जहरीली शराब कांड से 6 लोगों की मौत का मामला हो या फिर पिपलौदा सहित नामली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध शराब निर्माण की फेक्टरी जिला पुलिस द्वारा पकडऩे का। सभी मामलों में फिसड्डी साबित हो रहा आबकारी विभाग सिर्फ ठेकेदारों के माध्यम से गांवों में अवैध शराब की बिक्री में व्यस्त बना हुआ है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मनमर्जी से संचालित होने वाले कार्यालय में जिम्मेदार कोई नजर नहीं आता। नतीजतन हालात ऐसे बने हुए हैं कि जिले के 90 फीसद गांवों में अवैध शराब की बिक्री से युवा और किशोर नशे की लत में जकड़ते जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जिम्मेदारों को मामला बताया जाता है तो वह कार्रवाई नहीं करते हुए उल्टा अवैध शराब बेचने वाले शराब माफियाओं को जानकारी देकर रंजिश बढ़वा रहे हैं।
जिम्मेदार ऐसे जो सवालों से बचने के लिए नहीं बैठते कार्यालय
सीएम के आदेश के नशा विरोधी अभियान पर आबकारी विभाग ने जिले में अब तक की गई कार्रवाई को लेकर वंदेमातरम् न्यूज संवाददाता जब सहायक आबकारी आयुक्त निर्जला श्रीवासत्व के पैलेस स्थित कार्यालय में पहुंचे तो वह हमेशा की तरह इस बार भी नदारद मिली। कार्यालय से ही संवाददाता ने जब सहायक आबाकरी आयुक्त के मोबाइल नंबर 9425041702 पर संपर्क किया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। मामले की जानकारी लेने के लिए सहायक आबकारी अधिकारी आरसी बारोड़ भी वरिष्ठ अधिकारी की तर्ज पर न तो कार्यालय में मिले और शराब ठेकेदारों के हिसाब-किताब की व्यस्तता इतनी है कि उन्हें मोबाइल रिसीव करने का समय नहीं है।