जाने मप्र के नए मुख्यमंत्री के बारे में, उज्जैन दक्षिण से हैं एमएलए, रतलाम में फोड़े फटाके
भोपाल, वंदेमातरम् न्यूज। विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम घोषित होने के बाद से लगातार इस बात को लेकर सस्पेंस चल रहा था कि आखिरकार मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा। कई दिग्गज नेताओं का नाम भी सामने आया। लेकिन सोमवार शाम को मुख्यमंत्री नाम की जो घोषणा हुई उसने सबको चौका दिया। भाजपा ने उज्जैन दक्षिण के विधायक और शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे डॉ. मोहन यादव को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। इनके साथ ही दो डिप्टी सीएम भी बनाएं गए जिनमे जगदीश देवड़ा एवं राजेन्द्र शुक्ला का नाम है। मुख्यमंत्री के नाम की रेस में शुरू से आगे चल रहे नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा का स्पीकर बनाया है।
बता दें चुनाव परिणाम के बाद से मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम प्रमुख था। लेकिन सोमवार को भोपाल में बीजेपी कार्यालय पर हुई मध्य प्रदेश भाजपा विधायक दल के बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के नाम के लिए उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव के नाम की घोषणा ने सभी को चौका दिया। मालूम हो कि नए मुख्यमंत्री यादव शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। इनके अलावा बीजेपी ने दो उपमुख्यमंत्री भी बनाएं है जिनमें जगदीश देवड़ा एव राजेन्द्र शुक्ला शामिल है।
यादव 2013 से विधायक
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव वर्तमान में उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। वर्ष 2013 में पहली बार यादव इसी क्षेत्र से विधायक बने थे, इसके बाद वर्ष 2018 में फिर इसी विधानसभा सीट से जीत हासिल की। यादव ने 2 जुलाई 2020 को शिवराज सरकार मे उच्च शिक्षा मंत्री की शपथ ली थी। जिसके बाद 3 दिसंबर 2023 को वे लगभग 12 हजार 941 मतों से उज्जैन दक्षिण क्षेत्र से जीत हासिल की।
41 वर्ष का संघर्ष, अब बन गए सीएम
डॉ. मोहन यादव को मंत्री पद तक पहुंचने के लिए 41 वर्ष तक संघर्ष किया। उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की। पार्टी में कई पदों पर रहने के बाद सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला है। 1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। वर्ष 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 मे विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। वर्ष 1988 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं। 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे हैं। संघ में सक्रियता की वजह से यादव ने 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई। 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बने। इसके बाद उन्होंने संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया। 2004-2010 के बीच वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहें। 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) भी बने। पहली बार 2013 में वह विधायक बने। 2018 में भी पार्टी ने उन पर भरोसा किया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे। 2020 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो मोहन यादव फिर से मंत्री बने।