रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
समाज में महिलाओं की आबादी लगभग आधी है, इस आधी आबादी के लिए समाज में ऐसा वातावरण बने कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपना फैसला स्वयं ले सकें। महिलाएं बराबरी के साथ समाज के विकास में भागीदार बनें। मजबूत राष्ट्र के लिए नारी का शिक्षित एवं सशक्त होना जरूरी है। ग्लोबल वूमन ब्रेकफास्ट अभियान का उद्देश्य भी यही है कि विज्ञान, शोध और तकनीक के क्षेत्र में अधिक से अधिक महिलाएं हिस्सेदारी कर सकें।
यह बात शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति अध्यक्ष विनोद करमचंदानी ने कही। वे मप्र. उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कलेक्ट्रेट शाखा रतलाम के सहयोग से अग्रणी महाविद्यालय द्वारा ‘महिला सशक्तिकरण एवं धारणीय विकास’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित अमेरिका से आए एक्सेंचर कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अर्पण शुक्ला, विशिष्ट अतिथि महिला पुलिस शाखा रतलाम डीएसपी शीला सुराणा रही। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कलेक्टोरेट शाखा की ब्रांच मैनेजर मयुरी श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थी। अतिथियों का स्वागत रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कॉन्फ्रेंस के संयोजक डॉ. आर हरोड़े, आयोजन सचिव डॉ. मीनल गुप्ता, डॉ. दिनेश बौरासी, प्रो. मनोज दोहरे, डॉ. कुलदीप राठौर तथा डॉ. दिव्या पाटीदार ने किया। अतिथि परिचय डॉ. निशा जैन ने दिया।
मप्र. उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के संयोजक डॉ. विनोद शर्मा ने आर्थिक विकास में महिलाओं की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि विश्व की महिलाओं को पुरूषों के समान अवसर प्राप्त हों तो दुनिया की जीडीपी में 27 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी, जिससे दुनिया की तस्वीर बदल सकती है। महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्य डॉ. पीसी. पाटीदार ने कहा कि आज भी महिलाएं कई क्षेत्रों में पीछे हैं। कई महिलाएं अभी भी अशिक्षित हैं। अभी भी महिलाओं के लिए बहुत कार्य करने की आवश्यकता है। मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान भोपाल, की रसायनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सविता दीक्षित ने कहा कि हम बराबरी की बात नहीं करेंगे बल्कि कंधे से कंधे मिलाकर चलने की बात कहेंगे। महिला सशक्तिकरण का मतलब यह नहीं है, कि सिर्फ महिलाएं जॉब करें, महिलाएं पहले से ही सशक्त हैं।
कॉन्फ्रेंस का आयोजन ऑनलाइन मोड में भी किया गया, जिसमें वक्ता के रूप में बायो रिसर्च, कनाडा की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नीरजा श्रीवास्तव, ग्लोबल प्रोग्राम रेगुलेटरी मैनेजर नोवार्टीस हैदराबाद की डॉ. मंजुल वर्मा, को फाउंडर ट्राईफेस की डॉ. लक्ष्मी एवं रसायन शास्त्र अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की डॉ. उमा शर्मा ने सतत विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। डॉ. निहारिका व्यास, डॉ.मैना मालवीय, अदिति जोशी, मानसी शर्मा, हितांशी परिहार, तनीषा राजपुरोहित, आकांक्षा, श्रीवास्तव पाटीदार आदि शोधार्थियों एवं छात्र छात्राओं ने भी-पेपर प्रेजेंट किए। इस अवसर पर IQAC प्रभारी डॉ. भावना देशपाण्डे, डॉ. सीएल शर्मा, प्रो. केआर पाटीदार, अन्य महाविद्यालयों से आए प्राध्यापकगण, शोधार्थी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वाति पाठक ने किया एवं आभार डॉ. कविता ठाकुर ने माना।