– कोर्ट ने 3 अभियुक्तों को सुनाई 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। छह साल पहले जानलेवा हमले का शिकार हुए बिलपांक थाने की घटना में कोर्ट ने 3 अभियुक्तों को 10-10 वर्षों के कारावास की सजा सुनाई है। खास बात यह है कि हमले में घायल पीड़ित ने अभियुक्तों की करतूत इशारे में बताई। हमले के बाद वह बोल नहीं सकते हैं। इसके बाद न्यायाधीश ने पीड़ित द्वारा इशारे में घटनाक्रम समझने और अन्य साक्ष्यों के आधार पर वारदात में लिप्त 3 आरोपियों को दोषी पाया है।फैसला न्यायालय सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव ने दिया है।
कोर्ट ने हत्या के प्रयास के मामले में अर्जुन (29) पिता शंकरलाल डामर, सत्यनारायण (30) पिता शंकरलाल डामर, शंकरलाल (55) पिता नानूराम डामर सभी निवासी गुलरापाड़ा को जानलेवा हमले के मामले 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा दी है। इन पर 2-2 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अपर लोक अभियोजक ने बताया कि 26 अक्टूबर 2018 को हीरालाल डामर और उनके भतीजे अजय पर अर्जुन, सत्यनारायण व शंकरलाल ने जानलेवा हमला किया था। मामले में बिलपांक थाने में एफआईआर की गई थी। पीड़ित हीरालाल के बेटे आत्माराम ने कोर्ट में बताया कि पिता के सिर का एक तरफ का हिस्सा अंदर की ओर धंसा हुआ है। हमले के बाद से ही लगातार इलाज चल रहा है। सिर की चोट के कारण तबीयत ठीक नहीं रहती है। पीड़ित हीरालाल ने कोर्ट को इशारे में अपने ऊपर हुए हमले का वाक्या बताया था।