रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
उत्सव तो भगवान श्री कृष्ण के प्राकट्य का है हम तो उनकी वंदना कर उनका गुणगान करें और जीवन के प्रत्येक मोड़ पर सबकी भलाई का संकल्प लें। श्री कृष्ण ने हमें प्रत्येक परिस्थिति का संयम धैर्य और दृढ़ता से मुकाबला करने की शिक्षा दी, उन्होंने न केवल मनुष्य के उन्नति की बात कही बल्कि प्राणी मात्र और प्रकृति के प्रति हमारे दायित्व का बोध भी कराया।
उक्त विचार महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वरानंद जी (महर्षि उत्तम स्वामी जी) ने ग्राम बंजली स्थित दयाल वाटिका में जन्माष्टमी पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित भक्तजनों को संबोधित करते हुए कहे। आपने कहा कि श्री कृष्ण ने अन्यायी राक्षसों का संहार भी किया और अपने बाल सखा मित्र सुदामा के आगमन पर उनके पैर जल से नहीं, बल्कि अपने आंसुओं से धो कर पवित्र रिश्तों के पालन का दायित्व हमें बताया। गोवर्धन पूजा करवा कर उन्होंने पेड़ और प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी का संदेश दिया
प्रारंभ में दीप प्रज्वलन के बाद आयोजन समिति के देव प्रकाश शर्मा, प्रकाश शर्मा सांवरिया, शैलेंद्र सिंह सोनगरा, महेंद्र भट्ट, सुनील भट्ट, मृत्युंजय शर्मा, आलोक जैन ने स्वामी जी का स्वागत किया। इस दौरान गुरु भक्त मंडल नामली रतलाम के अनेकों नागरिक मौजूद थे। इस अवसर पर गुरु भक्त मंडल की और से वन मंत्री विजय शाह, अखिल भारतीय गुरु भक्त मंडल अध्यक्ष तपन भौमिक, देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, मोहनलाल भट्ट सहित प्रदेश के अनेक जिलों से बड़ी संख्या में भक्त आए और स्वामी जी का सम्मान किया। संचालन रंगकर्मी अधिवक्ता कैलाश व्यास ने किया।