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Monday, December 23, 2024

लोकसभा चुनाव 2024 : कमलनाथ पर जल्द तस्वीर हो सकती साफ, पिता-पुत्र की आज शाम भाजपा शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात

लोकसभा चुनाव 2024 : कमलनाथ पर जल्द तस्वीर हो सकती साफ, पिता-पुत्र की आज शाम भाजपा शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात

– विधानसभा चुनाव में हार का ठिकरा सहित 5 प्रमुख कारणों से नाराज 

एजेंसी, नई दिल्ली। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे देश में सियासी हलचल तेज होती जा रही है। एक तरफ भाजपा और एनडीए है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों का इंडी गठबंधन। एनडीए जहां लगातार मजबूत होता जा रहा है, वहीं इंडी गठबंधन की कोई सुध लेते नहीं दिख रहा है। यहां पढ़िए आज की बड़ी सियासी खबरें…।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सबसे पुराने तथा कद्दावर नेताओं में शामिल कमलनाथ अपने पुत्र नकुल नाथ के साथ दिल्ली में हैं। चर्चा है कि पिता-पुत्र की आज शाम भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ मुलाकात हो सकती है। दोनों भाजपा का दामन थाम सकते हैं। सवाल यही है कि कमलनाथ और नकुल नाथ के भाजपा में शामिल होने के अटकलें आखिर क्यों तेज हो गई है ?  इनके साथी ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस के कितने विधायक टूटेंगे? इसी महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव में भाजपा को इसका बड़ा फायदा मिल सकता है? कमलनाथ के इस रुख पर कांग्रेस के आला नेतृत्व या गांधी परिवार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसका मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि पार्टी को अब कमलनाथ में कोई फायदा नजर नहीं आ रहा है।

कमलनाथ की नाराजगी के यह हैं पांच कारण

1. विधानसभा की हार का ठीकराः मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। प्रदेश की 230 में से भाजपा ने 163, कांग्रेस ने 66 और भारत आदिवासी पार्टी ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ दिया। उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया। अन्य नेताओं ने भी उन्हें अलग-थलग कर दिया। 

2. अचानक अध्यक्ष पद से हटायाः विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने एकाएक अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया। राहुल गांधी के करीबी रहे जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की बागड़ोर सौंपी गई। न तो कमलनाथ से रायशुमारी हुई और न ही उन्हें बताया गया और अचानक उन्हें बदलने का फरमान जारी हो गया। इससे भी कमलनाथ आहत हुए थे। भले ही सार्वजनिक मंच पर उन्होंने इसे छिपाया, लेकिन नाराजगी नहीं छिपा सके। 

3. केंद्र की राजनीति चाहते थेः कमलनाथ की सक्रियता हमेशा से केंद्रीय राजनीति में रही है। 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उन्हें मध्य प्रदेश में भेजा गया था। जब सरकार चली गई तो लगा कि उन्हें फिर से दिल्ली बुला लिया जाएगा। इसके विपरीत पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश में ही उलझाए रखा। 2023 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद कमलनाथ फिर दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं सुनी।   

4. राज्यसभा टिकट नहीं मिलाः कमलनाथ राज्यसभा का चुनाव लड़कर केंद्रीय राजनीति का हिस्सा बनना चाहते थे। उन्होंने कांग्रेस विधायकों के लिए एक डिनर भी रखा था। तब पार्टी ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए सोनिया गांधी को चुनाव लड़ने का आग्रह किया। जब सोनिया गांधी ने राजस्थान को चुना तो दिग्विजय सिंह के समर्थक अशोक सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया गया। यह पूर्व मुख्यमंत्री को अच्छा नहीं लगा। 

5. चुनावों में दिग्विजय सिंह से अनबनः विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा से आए कुछ विधायकों और पूर्व विधायकों के टिकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी कमलनाथ की अनबन हुई थी। कमलनाथ का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह टिकट मांग रहे नेताओं को कह रहे हैं कि जाकर दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ो। कमलनाथ खेमे को लगता है कि यह सब पार्टी के एक धड़े ने किया। उनके खिलाफ माहौल बनाया गया।

Aseem Raj Pandey
Aseem Raj Pandeyhttp://www.vandematramnews.com
वर्ष-2000 से निरतंर पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विगत 22 वर्षों में चौथा संसार, साभार दर्शन, दैनिक भास्कर, नईदुनिया (जागरण) सहित अन्य समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए वर्तमान में समाचार पोर्टल वंदेमातरम् न्यूज के प्रधान संपादक की भूमिका का निर्वहन। वर्ष-2009 में मध्यप्रदेश सरकार से जिलास्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार के अलावा रतलाम प्रेस क्लब के सक्रिय सदस्य। UID : 8570-8956-6417 Contact : +91-8109473937 E-mail : asim_kimi@yahoo.com
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