रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
कई लोग कहते है कि राजनीति में धर्म नहीं होना चाहिए, लेकिन मैं कहता हूं कि यदि राजनीति में धर्म नहीं होगा तो राजनीति अंधी हो जाएगी। अंधी राजनीति क्या करेगी, इसके लिए आप महाभारत के धृतराष्ट्र को देख लीजिए। धृतराष्ट्र का अंधापन धर्म रहित राजनीति का साक्षात प्रमाण है। आज प्रधानमंत्री मोदीजी भारत की आध्यात्मिकता को संपूर्ण विश्व में स्थापित करने का काम कर रहे है और उसी कार्य को रतलाम नगर में विधायक काश्यप भी पूरी निष्ठा और लगन के साथ कर रहे है, जो अभिनंदनीय है।
यह उदगार रतलाम में पदार्पण के बाद विधायक चेतन्य काश्यप द्वारा आयोजित स्वागत कार्यक्रम में महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंदजी सरस्वती महाराज ने व्यक्त किए। रतलाम आगमन पर स्वामीजी की सालाखेड़ी में भव्य अगवानी की गई। इसके बाद महू रोड, टीआईटी रोड, स्टेशन रोड होते हुए वे विधायक निवास पहुंचे। यहां विधायक श्री काश्यप ने परिवार सहित स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उसके बाद स्वामीजी ने उपस्थित धर्मालुजन को आशीर्वचन प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सुबह ही संसद के नए भवन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदीजी ने धर्म के प्रतीक राजदंड को स्थापित किया है। राजनीति के क्षेत्र में किसी को साधु की संज्ञा दी जाए, तो वह नरेंद्र मोदी है। वे अपने लिए नहीं, अपितु समाज के लिए जीते है। मोदीजी परिवार से दूर रहकर और समाज के प्रति समर्पित होकर देश को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
स्वामीजी ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों से उनकी जब भी चर्चा होती है, तो वे यह कहने से कभी नहीं चूकते कि यदि संपूर्ण देश में चेतन्य काश्यप की तरह विधायक हो जाए, तो देश बदल जाएगा। विधायक के रूप में काश्यप, परिवार और समाज के बीच रहते हुए बिना किसी स्वार्थ के अपने नगर को आगे बढ़ाने का काम कर रहे है, ऐसे राजनेता की आज सब जगह जरूरत है। आरंभ में विधायक चेतन्य काश्यप ने स्वामी जी का पाद प्रक्षालन किया। महापौर प्रहलाद पटेल, श्री हरिहर सेवा समिति अध्यक्ष मोहनलाल भट्ट भी साथ रहे।
इसके बाद निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, श्री सनातन धर्म सभा अध्यक्ष कन्हैयालाल मौर्य, श्री गोपालजी का बड़ा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोहर पोरवाल, संगीतकार सिद्धार्थ काश्यप सहित गणमान्यजनों ने स्वामीजी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन मनोहर पोरवाल ने किया। आभार सिद्धार्थ काश्यप ने माना।
धार्मिक आयोजन हमारे पुण्य का फल – विधायक काश्यप
विधायक चेतन्य काश्यप ने स्वामी जी का स्वागत करते हुए कहा कि उनके परिवार के लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि वर्ष 2018 में भी स्वामी जी की कथा का अवसर मिला था और इस वर्ष पुनः यह अवसर आया है। धार्मिक आयोजन करना हमारे पुण्य का फल है। पूर्वजों के पुण्य फल ही हमे संस्कार में मिलते है। उन्ही के माध्यम से हम इन आयोजनों को कर पाते है। उन्होने कहा कि रतलाम को धर्म नगरी कहा जाता है। शहरवासियों पर सभी संतों का आशीर्वाद व प्रेम बना रहता है। मेरे परिवार पर भी सभी संतों का आशीर्वाद बना रहता है और उनका मार्गदर्शन मिलता है। विकास सिर्फ भौतिक नहीं होता है, सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विकास भी जरूरी है। इसलिए कथा के आयोजन प्रासंगिक है।