– रतलाम औद्योगिक क्षेत्र थाना में पांच माह पूर्व हुआ था प्रकरण दर्ज, पूर्व में हो चुके तीन आरोपी गिरफ्तार
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम में राजस्थान की एक शातिर गैंग ने रतलाम में फास्ट फूड़, सब्जी का ठेला लगाने वाले एवं मजदूरी करने वालों के नाम फर्जी कंपनी बनाकर लाखों रुपए के ट्रांजेक्शन करने के मामले में पांच माह बाद मास्टरमाइंड गिरफ्तार हो गया है। निम्न तपके के लोगों के खाते खोलकर करोड़ों का ट्रांजेक्शन का खेल हवाला कारोबार से जुड़ा होना पाया गया है। मामले में पुलिस ने विजय नगर (राजस्थान) निवासी मुख्य आरोपी विनोद शर्मा को गिरफ्तार किया है। पूर्व में उक्त प्रकरण में तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि जनवरी-2024 में आम लोगो के नाम पर फर्जी कंपनी खोलकर बैंक खाते खोलकर करोड़ों रुपए का लेनदेन करने वाले गिरोह का मामला सामने आया था। इस संबंध में रतलाम औद्योगिक क्षेत्र थाना पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 120-बी का प्रकरण दर्ज किया था। पूर्व में आरोपी तुलसीराम ओझा, योगेश शर्मा एवं सूर्यप्रकाश त्रिपाठी सभी निवासी राजस्थान को गिरफ्तार किया जा चुका था। गिरोह का मास्टर माइंड विनोद शर्मा फरार चल रहा था। मास्टर माइंड की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया था। टीम प्रभारी और टीआई राजेंद्र वर्मा सहित सायबर सेल प्रभारी अमित शर्मा ने गुरुवार को मास्टमाइंड विनोद शर्मा को सायबर सेल की मदद से रतलाम से ही गिरफ्तार किया है।
डेढ़ माह में कर लिया था करोड़ों का ट्रांजेक्शन
राजस्थान के शातिरों ने रतलाम में फास्ट फूड, सब्जी का ठेला लगाने वाले एवं मजदूरी करने वालों के नाम फर्जी कंपनी बनाई थी। इन निम्न तपकों के बैंक खाते भी खोले गए थे। खाते खोलने के एवज में प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिमाह 15 हजार रुपए देने का वादा भी किया था। इसके बाद समय पर जब इन निम्न तपके के लोगों को रुपए नहीं मिले तो बैंक पहुंच खाता जांचा। ट्रांजेक्शन में नवंबर-23 से जनवरी-2024 के बीच में करीब डेढ़ माह के अंतराल में फर्जी कंपनी के नाम खोले खातों में करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन होना पाया गया। लेकिन जिनके नाम से यह कंपनियां बनाई गई उन्हें इस बारे में पता नहीं चल पाया। जब वह बैंक गए तो इसकी जानकारी लगी। फिर यह पुलिस के पास पहुंचे तो मामले की हकीकत उजागर हुई।
यह था पूरा घटनाक्रम
एसपी लोढ़ा ने बताया कि सूरज चौरे निवासी खातीवाला टैंक इंदौर हालमुकाम रतलाम स्थित नीमचौक में रहकर फास्ट फूड का ठेला लगाता है। सूरज की मुलाकात छह माह पहले तुलसीराम (26) पिता गोपाललाल ओझा निवासी भीलवाड़ा (राजस्थान) से हुई थी। तुलसीराम ने हर माह 15 हजार रुपए देने का उसे लालच दिया था। इसके बदले सूरज से उसके नाम से बैंक खाता उसकी फर्म के नाम से खाता खुलवाकर खातों की डिटेल्स, चेक बुक, खाते में दर्ज मोबाइल सिम तुलसीराम ने अपने पास रख ली। तुलसीराम ने और भी लोगों के नाम से खाते खुलवाने पर रुपए का लालच देकर उसके नाम से एक दो खाते और खुलवाए। तुलसी राम ने सूरज को अन्य दो खातों के रुपए नहीं दिए। सूरज को रुपए नहीं मिलने पर वह बैंक में खाते बंद करवाने गया। तब उसे पता चला कि उसके एकाउंट से करोड़ों रुपए का लेनदेन हो रहा है। सूरज को शक होने पर उसके बैंक खाते फ्रिज करने के लिए बैंक में आवेदन दिया। फरियादी सूरज की रिपोर्ट पर थाना औद्योगिक क्षेत्र में मुकदमा दर्ज हुआ था। पूर्व में मामले में चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।