रतलाम, वन्देमातरम् न्यूज।
नियम विरुद्ध कॉलोनी के ले-आउट को अनुमति देने के मामले में कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। तीन दिन पूर्व टीएनसीपी कार्यालय पर रेड के बाद कलेक्टर 50 से अधिक फाइल बस्ते में बांधकर लाए थे। कलेक्टर सूर्यवंशी ने प्रारंभिक जांच में टीएनसीपी (नगर एवं ग्राम निवेश विभाग) के उपसंचालक जीएल वर्मा और रतलाम विकास प्राधिकरण (आरडीए) के उपयंत्री भावेश पाटील को दोषी पाया। दोनों को नोटिस जारी करते हुए कलेक्टर ने विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए।
कलेक्टर सूर्यवंशी की प्रारंभिक जांच में सामने आया की टीएनसीपी के उपसंचालक वर्मा ने शहर के पर्सपेक्टिव प्लान एरिया नियमों से बाहर जाकर कॉलोनी के ले-आउट को अनुमति दी, वही प्राधिकरण के उपयंत्री पाटील ने सुपरविजन कार्य में नियमों को नजर अंदाज किया। कलेक्टर ने मामले में उपसंचालक वर्मा और उपयंत्री पाटिल को नोटिस जारी करते हुए दोनों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के आदेश जारी कर दिए।
इस तरह से दोनों ने मिलकर नियम किया दरकिनार
पर्सपेक्टिव प्लान 2020 की स्कीम 01 में शामिल भूमि सर्वे नंबर 736/3 रकबा 2.91 हेक्टेयर पर प्राधिकरण की अनुमति के बगैर और पर्सपेक्टिव प्लान के लिए निर्धारित सामान्य सिद्धांतों की अनदेखी करते हुए जीआर डेवलपर्स रतलाम को आवासीय कॉलोनी विकसित करने हेतु ले-आउट अनुमोदित कर दिया गया था। इस अनियमितता पर कलेक्टर द्वारा संज्ञान लिया गया है। अनुमोदित ले-आउट को निरस्त करने के लिए निर्देशित किया गया है। अनुमोदित ले-आउट के संदर्भ में नगर निगम रतलाम द्वारा जारी की गई विकास अनुमति भी निरस्त करने के निर्देश निगमायुक्त को दिए गए हैं।