केके शर्मा
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
मध्यप्रदेश के रतलाम जनपद कि ग्राम पंचायत सालाखेड़ी के ग्राम रोजगार सहायक ईश्वर पाटीदार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे का कारण प्रति माह मिलने वाला 9 हजार रुपए का मानदेय है। इस मानदेय से परिवार का भरण पोषण नहीं होना बताया।
ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति वर्ष 2012 में हुई थी। तब से वह सालाखेड़ी ग्राम पंचायत में ही पदस्थ थे। ग्राम रोजगार सहायक ने रतलाम जनपद सीईओ को अपना इस्तीफा कारण सहित लिख कर एक आवेदन के रूप में सौंपा है। जिसमें लिखा है कि ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना अन्तर्गत मानदेय के रूप में मुझे 9000 हजार रुपए मिलते है जिसका आधे से ज्यादा पेसे तो निर्माण कार्य के जियोटेग करने, निर्माण कार्य पर आने-जाने पर खर्च हो जाते है जिसमे परिवार का भरण पोषण करना आज के समय मे संभव नहीं है। मनरेगा एक मांग आधारित योजना है उसके बाद भी टारगेट आधार पर काम करवाया जाता है। मनरेगा योजना के अलावा अन्य योजनाओ का भी कार्य करवाया जाता है, जिसका-अलग-से कोई मानदेय नहीं दिया जाता है। आज के समय मे एक मजदूर भी मजदूरी करता है तो उसे 400 रुपए एक दिन की मजदूरी होती है जबकि हमारा एक दिन का वेतन 300 रुपए है जो कि एक मजदूर से भी कम है। वर्तमान समय में इतने कम वेतन में परिवार का भरण पोषण करना संभव नहीं है। जीआरएस ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया है कि वह ग्राम पंचायत के कार्य करने में असमर्थ हूं। अन्य कार्य करके अपना जीवन यापन करना चाहता हूं।
एक माह पहले देना होता है नोटिस
शासकीय प्रक्रिया के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी अन इस्तीफा देता है तो एक माह पहले उसे विभाग को जानकारी देना होता है। ग्राम रोजगार सहायक द्वारा इस्तीफातो सौंप दिया है लेकिन स्वीकार नहीं हुआ है। रतलाम जनपद सीईओ रामपाल सिंह करजरे ने बताया कि ग्राम रोजगार सहायक ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। नियमानुसार एक माह पूर्व सूचना देना होती है। इस संबंध में नोटिस दिया है। ताकि जो भी प्रक्रिया है उसे पूर्ण की जा सके।