रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम जिले का शासकीय मेडिकल कॉलेज अब प्रशासन की कारगुजारियों से सुर्खियों में छाया है। अनियमित्ताओं की बदनामी का ठप्पा ऐसा लगा कि स्टूडेंट का भविष्य बनाने वाले डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता कटघरे में खड़े हैं। फूड पॉइजनिंग से कॉलेज में संचालित अवैध मेस का मामला उजागर कर वंदेमातरम् न्यूज जमीनी पड़ताल के बाद कॉलेज प्रशासन की अनियमित्ताओं को लगातार उजागर कर रहा है। जांच में सामने आया कि करीब चार वर्ष से अवैध मेस संचालन कर रेलकर्मी दीपेश पाठक 10 लाख रुपए प्रतिमाह (एक स्टूडेंट से 2400 रुपए के मान से करीब 430 स्टूडेंट से प्रतिमाह 10 लाख 32 हजार रुपए) कमाता था। कॉलेज प्रशासन यानी डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता की मेहरबानी ऐसी रही कि अवैध मेस के लिए रेलकर्मी पाठक को फ्री ऑफ चार्ज स्पेस (बिल्डिंग में खाना बनाने और स्टूडेंट को खिलाने की जगह) के अलावा बिजली, पानी और मैनपॉवर उपलब्ध कराते थे। रविवार को आईसीयू में भर्ती छात्र को परिजन व्यवस्था से संतुष्ट न होकर उसे अपने साथ इंदौर ले गए।
मालूम हो कि गुरुवार रात मेडिकल कॉलेज की अवैध मेस में खाने के बाद स्टूडेंट एक के बाद एक उल्टी, दस्त के अलावा बुखार से पीडि़त हो गए थे। शुक्रवार सुबह सोकर उठने के बाद स्टूडेंट के बीमार होने का सिलसिला शुरू हुआ। मेडिकल कॉलेज प्रशासन वरिष्ठ अधिकारियों को मामला संज्ञान में लाए बिना दिनभर मामले को छिपाने में जुटा रहा। हालात ऐसे बनाए गए कि अवैध संचालित मेस में खाना खाकर बीमार हुए स्टूडेंट की एमएलसी कराना तक उचित नहीं समझा। कानून के जानकारों के मुताबिक बीमार स्टूडेंट की एमएलसी होती तो अवैध मेस संचालनकर्ता रेलकर्मी पाठक पर एफआईआर के साथ कानूनी शिकंजा कसता। रेलकर्मी पाठक को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए मेडिकल प्रशासन ने बीमार 40 से अधिक स्टूडेंट को गोपनीय तरीके से अलग-अलग वार्डों में शिफ्ट किया।
वंदेमातरम् न्यूज से मंत्रालय को मिली खबर
पिछले चार दिन से बीमार स्टूडेंट की स्थिति छिपाने और सवालातों से बचने वाले डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता की कार्यप्रणाली से उच्च चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय वाकिफ हो चुका है। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की लताड़ के बाद शनिवार रात 10 बजे मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मीडिया को प्रेस नोट के माध्यम से जानकारी दी। दूषित भोजन करने से कुल बीमार स्टूडेंट की संख्या दर्शाने के अलावा एक स्टूडेंट की हालत गंभीर होने पर आईसीयू में भर्ती की भी जानकारी दी गई। इसके अलावा स्वास्तिक केटर्स के अवैध मेस संचालनकर्ता रेलकर्मी दीपेश पाठक को नोटिस जारी करने के अलावा जांच के लिए समिति बनाने की सूचना जारी की गई। मुद्दे पर चर्चा के लिए डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता को मोबाइल लगाया लेकिन सवालातों से बचने के लिए उन्होंने फोन रिसीव नहीं कर गैर जिम्मेदाराना रवैया पुन: दिखाया।