– पुजारी के बड़े भाई का निधन होने पर सूतक के बाबजूद वह मंदिर में कर रहे थे पूजा पाठ
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम के माणकचौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर में पुजारी को लेकर हुए विवाद में प्रशासन ने रविवार रात को मंदिर में ताला लगा कर बंद कर दिया। सोमवार सुबह 7.30 बजे मंदिर प्रशासन द्वारा ताला खोलने के इंतजार में श्रीमाली ब्राह्मण समाज के लोग मंदिर के बाहर बैठे रहे। समाज जन का कहना है कि ताला खुलने के बाद वह गंगाजल से मंदिर धोकर शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
बता दे कि दो दिन से पूर्व श्रीमाली ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों ने मंदिर के पंडित संजय पुजारी के मंदिर में आने जाने को लेकर आपत्ति जताई थी। समाजजनों का कहना था कि महालक्ष्मी हमारी कुलदेवी है। साथ ही मंदिर में हमारी सती माता का भी स्थान है। पुजारी के बड़े भाई का निधन हुआ है। सूतक होने के कारण वह मंदिर में पूजा पाठ कर रहे है। रविवार रात भी समाजजन इसी बात को लेकर मंदिर पहुंचे। पुजारी के अंदर होने पर फिर आपत्ति जताई। इस दौरान हंगामा हो गया। तब समाजजनों ने एसडीएम व तहसीलदार को फोन कर दिया। इसके बाद आरआई व पटवारी पहुंचे। मंदिर में पुजारी व सजावट में लगे सभी लोगों को बाहर कर ताला लगा दिया। इसको लेकर मंदिर में हंगामा भी हुआ। हंगामा बढ़ता देख पटवारी कपिल चौबे ने मंदिर में ताला लगा दिया। रात में कई लोग दर्शन व सजावट के लिए राशि लेकर आए। लेकिन बाहर से ही दर्शन कर लौटना पड़ा।समाजजनों का कहना था कि प्रशासन ने मंदिर की पूजा का दायित्व अन्य पुजारी को दे दिया है। उसे भी कार्यभार नहीं सौंपा जा रहा है। इधर प्रशासन ने संजय पुजारी से मंदिर का हिसाब-किताब भी मांग लिया है। पुजारी का कहना है कि प्रशासन ने लेटर दिया है तो हिसाब-किताब के लिए मंदिर में गया था।
शुद्धिकरण के लिए समाज जन हुआ एकत्र
श्रीमाली ब्राह्मण समाज सचिव कुलदीप त्रिवेदी ने बताया महालक्ष्मी देवी हमारी कुल देवी है। पुजारी के भाई का देहांत होने के चलते सूतक के बावजूद वह मंदिर में आना-जाना कर रहे है। हम उनसे निवेदन कर चुके है। प्रशासन ने पंडित का प्रभार भी अन्य को दे दिया है। इसके बावजूद वह मंदिर के अंदर क्यों जा रहे है। एसडीएम व तहसीलदार को जानकारी दी। श्रीमाली ब्राह्मण समाज द्वारा सुबह शुद्धिकरण के लिए एकत्र हुए।