– स्कूल प्रबंधनों के लिए पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, 15 दिन के भीतर करना होगा पालन
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाद रतलाम में सांई श्री स्कूल की 5 वर्षीय मासूम के साथ योन शोषण की घटना ने सभी को झंकझोर कर रख दिया है। सोमवार को रतलाम में सांई श्री स्कूल में अन्य स्टूडेंट के परिजन ने पहुंचकर प्रबंधन की लापरवाही पर आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर भड़ास निकाली और कानूनी कार्रवाई की मांग की। जिला प्रशासन ने सांई श्री स्कूल को सील कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ मासूम बच्चों के साथ होने वाली निंदनीय घटनाओं को लेकर रतलाम पुलिस अलर्ट हो गई है। रतलाम एसपी अमित कुमार के निर्देश पर जिलेभर में थानों की पुलिस स्कूल पहुंचकर बच्चों से चर्चा कर सुरक्षा की जानकारी देने में जुट गई है। एएसपी राकेश खाखा ने बताया की पुलिस प्रशासन ने स्कूल प्रबंधनों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। कुल 18 बिंदुओं को लेकर जारी नियम का स्कूल, कॉलेज और होस्टल संचालकों को पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
सोमवार को रतलाम सिटी सहित अंचलों में पुलिस विद्यार्थियों की सुरक्षा के संबंध में चर्चा करने एवं स्कूल में सुरक्षा के मापदंड को जांचने स्कूल पहुंची। पुलिस ने स्कूलों में लगाए गए सीसीटीवी की गुणवत्ता परखने के साथ, टॉयलेट आदि चेक किए। रतलाम में उप अधीक्षक अजय सारवान एवं महिला थाना प्रभारी पार्वती गौड़ द्वारा कॉन्वेंट स्कूल तथा बंजली में शासकीय माध्यमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय में बालक बालिकाओं से चर्चा कर उनकी सुरक्षा को लेकर सामान्य तरीके से चर्चा कर जागरूक किया। अभियान अंतर्गत उप अधीक्षक सारवान और महिला थाना प्रभारी गौड़ ने स्कूल भवन के कैमरे तथा स्कूल में अन्य बच्चों की सुविधाओं संबंधित जानकारी भी एकत्रित की। इसके अलावा अंचलों के थाना अंतर्गत प्रभारियों ने भी अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों में निरीक्षण कर स्कूल संचालकों को जिला पुलिस विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने और बच्चों से चर्चा कर उन्हें सुरक्षा की जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों और थाना प्रभारियों ने बच्चों से चर्चा कर उन्हें अपने मोबाइल नंबर भी नोट बुक में दर्ज करवाए और बताया कि कभी भी किसी भी समय आपको हमारी जरूरत लगे आप फोन लगाइए और अपनी समस्या को बताइए, पुलिस आपके लिए हर समय तत्पर रहेगी। जिले में अब यह अभियान नियमित चलाया जाएगा।
अंचलों में भी स्कूलों में पहुंची पुलिस
सुविधाओं संबंधित जानकारी भी एकत्रित की। इसके अलावा अंचलों के थाना अंतर्गत प्रभारियों ने भी अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों में निरीक्षण कर स्कूल संचालकों को जिला पुलिस विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने और बच्चों से चर्चा कर उन्हें सुरक्षा की जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों और थाना प्रभारियों ने बच्चों से चर्चा कर उन्हें अपने मोबाइल नंबर भी नोट बुक में दर्ज करवाए और बताया कि कभी भी किसी भी समय आपको हमारी जरूरत लगे आप फोन लगाइए और अपनी समस्या को बताइए, पुलिस आपके लिए हर समय तत्पर रहेगी। जिले में अब यह अभियान नियमित चलाया जाएगा।
स्कूल संचालकों को अब यह नियम करना पड़ेंगे पालन
– स्कूल,कॉलेज और छात्रावास का संपूर्ण कैंपस सीसीटीवी कैमरे से लैस करना अनिवार्य रहेगा।
– स्कूल, कॉलेज व छात्रावास में रैगिंग संबंधित एंटी रैगिंग एक्ट का नोटिस बोर्ड पर अनवार्य रूप से चस्पा करने के साथ हेल्प लाइन नंबर दर्ज करना पड़ेगा।
– स्कूल, कॉलेज और छात्रावास में सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात करना होंगे।
– स्कूल, कॉलेज और छात्रावास में बगैर सत्यापन किसी कर्मचारी को नियुक्त नहीं किया जाए। वर्तमान में कार्यरत सभी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से कराया जाए।
– स्कूल, कॉलेज और छात्रावास में किसी भी कर्मचारी की गतिविधि संदिग्ध पाए जाने पर नौकरी से निकालने से पूर्व पुलिस को सूचना देना होगी।
– छात्रों की सुरक्षा के लिए स्कूल और कॉलेजों में माता-पिता, शिक्षक और छात्र की एक संयुक्त समिति का गठन किया जाए।
– स्कूल, कॉलेज और छात्रावास संचालकों को पुलिस के 18 बिंदुओं के नियमों का पालन 15 दिन के भीतर करना होगा।