रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम में सागोद रोड स्थित जयंतसेन धाम के पीछे रसूखदारों की अवैध कॉटेजनुमा कॉलोनी के खिलाफ दो माह से चल रही जांच ने कई सवाल खड़े कर दिए। जिला प्रशासन की कॉलोनी सेल की धीमी जांच से बेखौफ रसूखदार भूमाफिया कृषि भूमि पर सीमेंट-कांक्रीट रोड बनाकर भूखंडों को बेच रहे हैं। खास बात यह है कि जयंतसेन धाम के पीछे अवैध कॉलोनी में रसूखदारों ने निर्माण के लिए नगर निगम और बिबड़ौद पंचायत से अनुमति लेना तक उचित नहीं समझा।
जयंतसेन धाम के पीछे रसूखदारों ने जिन 20 से अधिक कृषि भूमि सर्वों में तत्कालीन अधिकारियों से सांठगांठ कर कुछ के डायवर्शन (व्यपवर्तित) कराकर आवासीय तो कुछ सर्वे में व्यवसायिक भूमि दर्शा दिए। उन सभी कृषि भूमि के सर्वों के प्रमाणिक दस्तावेज वंदेमातरम् न्यूज के पास उपलब्ध हैं, जिससे स्पष्ट है कि भूमाफियाओं ने कैसे सांठगांठ कर खेतों के बीच सीमेंट कांक्रीट की पक्की सड़क बनाकर 1200 से 1500 रुपए वर्गफीट की ऊंची कीमतों पर भूखंड विक्रय किया। सागोद रोड की सिंचिंत भूमि पर बड़े पैमाने पर खेले जा रहे इस खेल को जिम्मेदारों की ओर से नजर अंदाज करना अब आमजन में कई सवाल खड़े कर रहा है।
कई बार सौंप चुके नोटिस, कार्रवाई अभी तक नहीं
मेसर्स पाश्र्वनाथ डेवलपर्स और उसके पार्टनर पवन पिता पारसमल पिरोदिया, किरण पति कमल पिरोदिया, राजेश पिता मोतीलाल चौहान, महेंद्र पिता बंसतीलाल पिरोदिया, मयंक पिता मणिलाल गोटा सहित अन्य को जिला प्रशासन ने 9 नवंबर को दूसरी बार नोटिस जारी किया था। सूत्रों के अनुसार 100 बीघा से अधिक कृषि भूमि पर 150 करीब कॉटेज काटने के अलावा नियम विपरित बड़े-बड़े बंगलों का निर्माण पर राजनीतिक दबाव ने जांच प्रभावित करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं नियम विपरित बड़े पैमाने पर जयंतसेन धाम के पीछे मेसर्स पाश्र्वनाथ डेवलपर्स और उसके पार्टनर वर्तमान में कार्रवाई से बचने के लिए अधिकारियों को भी साधने में जुट गए हैं।
फोटो – जयंतसेन धाम के पीछे रसूखदार कुछ इस तरह बना रहे आलीशान बंगले।