– स्कूल प्रबंधन की लापरवाही उजागर, स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए नहीं मिले कैमरे
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। प्रदेश की राजधानी भोपाल में मासूम बच्ची से दुष्कर्म और निर्मम हत्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि रतलाम के 80 फीट रोड स्थित सांईश्री स्कूल में 5 वर्षीय बच्ची के साथ यौन उत्पीडऩ का मामला प्रकाश में आया है। पूरे मामले में सांईश्री स्कूल प्रबंधन की लापरवाही भी खुलकर सामने आई है। पुलिस ने पीडि़त मासूम की मां की शिकायत पर आरोपी बाल अपचारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया है। खास बात यह है कि प्राइवेट स्कूलों में परिजनों से मोटी-मोटी फीस लेने के बाद भी बच्चों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगाए जाते हैं, सांईश्री स्कूल प्रबंधन की यह लापरवाही 80 फीट स्कूल में देखने को मिली है।
पांच वर्षीय मासूम की मां ने पुलिस को बताया कि उनकी बच्ची यूकेजी में पढ़ाई करती है। मासूम बच्ची को घर से स्कूल और स्कूल से घर लाने का काम उसकी मौसी करती है। पिछले तीन दिन से उनकी बच्ची को बुखार आ रहा था और बाथरूम कम हो रही थी। 27 सितंबर की दरमियानी रात पांच वर्षीय बच्ची बाथरूम करने के लिए उठी तो उसने अपनी मौसी को बताया कि उसे जलन हो रही है। इसके बाद मौसी ने उसकी मम्मी को उठाया और मासूम का पायजामा उतारा। इस दौरान बच्ची की बाथरूम की जगह सामान्य नहीं पाई। बच्ची ने मां और मौसी को बताया कि एक लडक़ा उसके साथ गंदी हरकत करता है। इस दौरान मौसी को कुछ याद आया और उसने अपनी बहन को बताया कि 24 सितंबर 2024 को जब वह भतीजी को स्कूल से लेकर लौ रही थी, तब उसके टी-शर्ट के बटन खुले हुए थे और उसका पूरा शरीर लाल होने के अलावा तेज बुखार से तप रहा था। मासूम के परिजनों द्वारा स्कूल प्रबंधन से शिकायत के बाद औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने पर लिखित शिकायत की। उपनिरीक्षक सत्येंद्र रघुवंशी ने जांच कर बच्ची के साथ गलत हरकत करना पाया। जांच के दौरान सांईश्री स्कूल प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है। पुलिस ने बाल अपचारी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 65(2), 75, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6,7 और 8 में मुकदमा दर्ज किया है। बाल अपचारी को पुलिस ने बाल संप्रेक्षण गृह भेजा है। मुद्दे पर स्कूल प्रबंधक राकेश देसाई से वंदे मातरम् न्यूज ने सवाल किया तो उन्होंने बताया की परिसर में 32 कैमरे लगे हैं…सवाल यह है कि स्कूल प्रबंधन इतना मुस्तैद था तो बच्ची के साथ इतनी बड़ी हरकत कैसे हो गई ?
इस स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए साथ ही सभी टीचर की शिक्षा की भी ताकि पता चले की इतनी महंगी फीस देने के बाद भी बच्चो का भविष्य बीएड पास शिक्षको के हाथो में हे या सिर्फ कम वेतन वाले बिना बीएड किए हुए शिक्षको के हाथ में है।
साथ ही सभी केमरो की 1 महीनो की रिकॉर्डिंग की भी जांच होना चाहिए पता चले की प्रबंधन सही बोल रहा है या नही,क्योंकि यदि कैमरे चालू थे तो घटना कैमरे में नही आई हो ये संभव ही नहीं है।
माता पिता कितना भरोसा करके अपने बच्चो को स्कूल प्रबंधन के भरोसे स्कूल में भेजते है तो यदि बच्चो के साथ किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी होती है तो जवाबदार भी स्कूल प्रबंधन ही होगा।