– रतलाम जिले में पिछले वर्ष की तुलना में 11 इंच से कम बारिश
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में बारिश की खेंच के बीच राहत की खबर आई है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून द्रोणिका के हिमालय की तलहटी में बने रहने से प्रदेश में बारिश का दौर थमा है। उधर, धूप के तेवर तीखे होने के कारण सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है, जिसके मंगलवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की पूरी संभावना है।
जिले में बारिश थमने से किसानों को फसलों की चिंता सताने लगी है। मानसून की बेहतर शुरुआत के बाद अचानक लंबी रोक से वर्तमान में फसलों पर संकट गहरा गया है। किसानों ने नगर और गांव बंद कर खेत-खलिहानों पर भोजन बनाकर इंद्रदेव को भोग लगाया, वहीं अब ग्रामीण जिले में अलग-अलग स्थानों पर सरपंच और सरपंच प्रतिनिधियों को गधे पर बैठाकर टोटके करने में जुट गए हैं। वर्तमान में जिले में पिछले वर्ष की तुलना में अभी 11 इंच से कम बारिश दर्ज हुई है। पिछले वर्ष अभी तक जिले में 39.73 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी थी, जिसकी तुलना में अभी रतलाम जिले में महज 28.47 इंच ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। नए सिस्टम से आने वाले दिनों में बेहतर बारिश की संभावना जताई जा रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस मौसम प्रणाली के प्रभाव से मंगलवार से पूर्वी मप्र में बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है। बुधवार-गुरुवार से पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा होने का दौर भी प्रारंभ होने की उम्मीद है।
फसलों को जीवन दान मिलने की है संभावना
48 घंटों के दौरान इस मौसम प्रणाली के उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने के आसार हैं। इसके प्रभाव से मंगलवार से पूर्वी मप्र में मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में वर्षा होने का सिलसिला शुरू हो सकता है। इससे सूखने के कगार पर पहुंच गई सोयाबीन, धान, उड़द, मूंग की फसलों को जीवनदान मिलने की भी संभावना है।
पांच-छह दिन तक हो सकती है बारिश
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र के बनते ही मानसून द्रोणिका के पूर्वी छोर के अपनी सामान्य स्थिति में आने की संभावना है। इस वजह से 5 सितंबर से रुक-रुककर बारिश का सिलसिला पांच-छह दिन तक मध्य प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में बना रह सकता है।