– 11 माह से पुलिस को चकमा देकर था फरार, 20 आरोपी पूर्व में हो चुके गिरफ्तार
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। मार्च – 2024 में नृशंस दोहरे हत्याकांड के 10 हजार रुपए के इनामी आरोपी ने कुर्की से बचने के लिए सरेंडर कर दिया है। यह हत्याकांड का आखिरी और 21 नंबर का आरोपी था। शेष 20 आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। नृशंस हत्याकांड में आरोपियों ने केशव और गजेंद्र पर पहले गाड़ी चढ़ाकर मारने का प्रयास किया था। गाड़ी से रौंदने के बाद भी दोनों बच नहीं जाए इसलिए गेंती-फावड़े और हॉकी से भी मारा। फिर इन्हें गाड़ी से लेकर सकरावदा पहुंचे और हत्या को हादसा दिखाने के लिए वहां शव पटक दिए थे। पूर्व में पुलिस ने मामले को एक्सीडेंट माना था। ग्रामीणों के आक्रोश और परिजन के आरोप के बाद जमीनीस्तर से हुई जांच में तत्कालीन एसपी राहुल कुमार लोढ़ा और एडिशनल एसपी राकेश खाखा ने मामले का खुलासा किया था।
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बता दें कि 20 मार्च 2024 की सुबह लेबड़-नयागांव फोरलेन स्थित कांडरवासा के यहां डिवाइडर के पास 2 युवकों के शव मिले थे। इनकी शिनाख्त केशव (29) पिता विष्णुलाल गुर्जर निवासी सेमलिया और गजेंद्र (29) पिता पूनमचंद्र डोडिया निवासी अमलेटा के रूप में हुई थी। मृतक के परिजन ने जिस युवक पर हत्या का आरोप लगाया था उसके ताऊ की कार घटनास्थल से 10 किमी दूर डैमेज हालत में मिली थी। जांच में पता चला था कि दोनों की हत्या बांगरोद-नेगड़दा मार्ग पर की और वहां से 10 किमी दूर सकरावदा लाकर शव पटक दिए थे। यहां उन्होंने शव और इनकी बाइक डिवाइडर के बीच इस तरह रखे कि एक्सीडेंट लगे। पुलिस ने हत्या के मामले में 21 लोगों पर केस दर्ज किया था। सभी विश्वास गैंग के सदस्य थे और गैंगवार का मामला सामने आया था।
वर्चस्व की लड़ाई में हत्याकांड को दिया अंजाम
केसरिया गैंग और विश्वास गैंग में वर्चस्व की लड़ाई के चलते हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इसका मास्टर माइंड सूर्यपालसिंह निकला था। पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसका एक आरोपी दीपक (32) पिता भंवरलाल जाट निवासी नेगड़दा पकड़ में नहीं आ रहा था। नामली थाना टीआई विक्रमसिंह चौहान ने आरोपी दीपक के घर पर संपत्ति कुर्की का नोटिस लगवाया और कार्रवाई शुरू की। इसी बीच एसपी ने इस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया था। कुर्की से बचने के लिए आरोपी दीपक ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया।