– प्रभारी मंत्रियों को दिया जाएगा जिले के अंदर सीमित दायरे में ट्रांसफर का अधिकार
भोपाल, वंदेमातरम् न्यूज। मध्य प्रदेश में मंत्रालय स्तर पर 26 आईएएस अधिकारियों के तबादले के बाद अब सरकार मैदानी (जिला स्तर) पर नए सिरे से कसावट करने जा रही है। हालांकि यह काम 5 जनवरी-2025 के बाद होगा। अभी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम के कारण कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित 65 हजार बूथ लेवल ऑफिसर के तबादले पर प्रतिबंध लगा है। प्रदेश सरकार ऐसे अधिकारियों को भी चिन्हित कर रही हैं, जिनके खिलाफ शिकायतें हैं। इसके साथ ही मंत्रियों को प्रभार के जिले और विभाग में सीमित तबादले करने का अधिकार भी दिया जा सकता है।
प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का काम 5 जनवरी-2025 तक चलेगा। मतदाता सूची के काम में लगे अधिकारी-कर्मचारी एक प्रकार से चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर आ गए हैं। ये ही मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के आवेदनों का परीक्षण करके अंतिम रूप देते हैं, इसलिए इन्हें काम पूरा होने तक नहीं हटाया जाता है। यदि अभी किसी अधिकारी को बदलना भी है तो उसके लिए पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। अनुराग जैन के मुख्य सचिव बनने के बाद से ही माना जा रहा है कि वे मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर पर अपनी टीम तेजी के साथ बनाएंगे। प्रदेश में जिस तरह से जैन को मुख्य सचिव की कुर्सी मिली है, उसी तर्ज पर अब जिला कलेक्टरों को मैदानी स्तर पर उतराने की कवायद देखी जा रही है। प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि जमीनीस्तर पर पिछले कुछ सालों से अधिकारी लापरवाही के साथ मनमानी कर रहे हैं, जिससे भाजपा सत्ताधारी सरकार की छवि आमजन में खराब हो रही है। आम व्यक्ति की सुनवाई नहीं होना भी इसका एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।
मुख्य सचिव की पहली सूची को मुख्यमंत्री दे चुके हरी झंडी
यही कारण है कि मुख्य सचिव जैन ने सामान्य प्रशासन विभाग से अधिकारियों की पदस्थापना को लेकर सूची बनवाई और पहले चरण में मंत्रालय स्तर पर परिवर्तन प्रस्तावित किया, जिसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरी झंडी दी। वहीं, अब मैदानी स्तर पर प्रशासनिक जमावट होगी। इसमें कलेक्टर से लेकर अन्य अधिकारी प्रभावित होंगे। विधानसभा का शीतकालीन सत्र होने के बाद नए सिरे से प्रदेश के जिलों में कलेक्टरों की नई तैनाती देखी जा सकती है।