– बहुचर्चित राजीव गांधी सिविक सेंटर के मुद्दे पर महापौर और नेताप्रतिपक्ष के बीच तीखी बहस
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। नगर निगम सम्मेलन के एजेंडे में शामिल करो में बढ़ोत्तरी पर अंतिम मुहर लग गई है। सीवरेज का कार्य पूर्ण होने तक इसमें छूट दी गई है, जबकि अब संपत्ति कर, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित अन्य कर की शुल्क वृद्धि कर दी गई है। कांग्रेस ने कर वृद्धि का विरोध किया लेकिन भाजपा पार्षदों ने कर बढ़ोत्तरी के निर्णय को टेबल बजाकर एकमत से पारित किया। साधारण सम्मेलन शाम 6.30 समाप्त हुआ। सम्मेलन खत्म होने से पूर्व नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा ने भाषण के दौरान राजीव गांधी सिविक सेंटर का मुद्दा उठाया। इसमें महापौर प्रहलाद पटेल द्वारा उन्हें दिए गए मानहानी के नोटिस के बारे में बताया कि तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार की रिपोर्ट में उनका नाम है। महापौर पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने अपनी मां का दूध पिया होता तो वह मुझे विधिवत नोटिस भेजता।
गुरुवार सुबह 11 बजे नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने प्रश्नकाल से सम्मेलन की शुरुआत की। कांग्रेस पार्षदों ने शहर में व्याप्त गंदगी और आमजन को नहीं मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं को लेकर निगम अधिकारियों पर नाराजी जताई। एजेंडे पर चर्चा के लिए भाजपा पार्षद रत्नदीप सिंह पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नगर निगम को चलाने के लिए करों में वृद्धि के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि अगर हम कर में वृद्धि कर रहे हैं तो हमारा दायित्व है कि हम आमजन को सुविधा भी दें। शहर के 49 वार्डों में नगर निगम के अधिकारी आमजन की समस्या देखने तक नहीं जाते हैं। पार्षद वार्ड का प्रतिनिधित्व करता है और उसे अकेले ही समस्याओं से जूझना पड़ता है। आमजन की समस्याओं से अधिकारियों को अवगत करवाते हैं तो वह कहते हैं कि हमारी शिकायत करने की आदत है। नगर निगम अध्यक्ष शर्मा ने भाजपा पार्षद सिंह की शिकायत का समर्थन करते हुए नगर निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट को ताकिद किया कि वह अपने अधिनस्थ अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने और आमजन की शिकायत को तत्परता से दूर कराने के लिए कार्रवाई करें।
भाजपा पार्षद सिंह ने बीच में छोड़ा सदन
सम्मेलन में भाजपा पार्षद रत्नदीप सिंह द्वारा स्वास्थ्य अधिकारी एपी सिंह की नियुक्ति को लेकर सवाल पूछा था। बताया जाता है कि इस सवाल को भाजपा समर्थित परिषद ने इसलिए हटवा दिया कि उनकी किरकिरी होगी। अपने सवाल का नंबर आने से पूर्व निगम अध्यक्ष शर्मा ने सम्मेलन को समाप्त करने की घोषणा कर दी। इस दौरान भाजपा पार्षद सिंह ने उनसे पूछा कि मेरे सवाल से पूर्व आप कैसे सम्मेलन को समाप्त कर सकते हैं। निगम अध्यक्ष शर्मा ने समय पूर्ण होने की बात कही। सम्मेलन में स्वास्थ्य अधिकारी सिंह की नियुक्ति के सवाल नहीं पूछे जाने पर भाजपा पार्षद सिंह ने सम्मेलन के बीच कुर्सी से उठकर बाहर चले गए।
सम्मेलन में इन एजेंडे पर लगी मुहर
– आवासीय जल उपभोक्ता प्रभार में 15 फीसद और गैर आवासीय जल उपभोक्ता प्रभार में 42 प्रतिशत वृद्धि।
– सीवरेज का कार्य पूर्ण होने तक इसमें अभी कर की वृद्धि नहीं की गई है।
– ठोस अपशिष्ट उपभोक्ता प्रभार को संपत्तिकर के साथ लिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर।
– संपत्ति कर की दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव पारित।
– सम्मेलन में पीएम आवास योजना में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी नगर में 94 एमआईजी, डोसीगांव डीपीआर 1 के 95 एलआईजी व डीपीआर 2 के 141 रिक्त एलआईजी फ्लैट को जल्द बेचने के लिए आरक्षित मूल्य में 15 प्रतिशत की कमी करने का प्रस्ताव स्वीकृत कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
– अवैध पार्किंग के खिलाफ निगम भी करेगा मुहिम शुरू, 25 से 100 रुपए प्रति वाहन की होगी वसूली।
नेता प्रतिपक्ष के भाषण के बाद गरमाया सदन
बहुचर्चित राजीव गांधी सिविक सेंटर में रिक्त भूखंडों का नियम विरुद्ध रजिस्ट्री और नामांतरण का मामला गुरुवार को साधारण सम्मेलन में जमकर गूंजा। नेता प्रतिपक्ष वर्मा ने भाषण में वह कॉपी दिखाई जिसे तत्कालीन कलेक्टर लाक्षाकार ने आगामी कार्रवाई के लिए राज्य शासन को भेजी थी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष वर्मा ने महापौर पटेल द्वारा उन्हें सौंपे मानहानी के नोटिस पर भी सवाल किए। नेता प्रतिपक्ष वर्मा के भाषण पश्चात महापौर ने उन्हें जवाब दिया कि उक्त फाइल में कहीं पर भी मेरे हस्ताक्षर और सहमती नहीं थी। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने दुर्भावनावश उनका नाम अगर लिखा है तो उक्त मामले की जांच में दोषी क्यों नहीं हुआ? तत्कालीन कलेक्टर लाक्षाकार के खिलाफ महापौर ने सदन में जमकर नाराजगी भी जाहिर की।