रतलाम, वन्देमातरम् न्यूज।
जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट का षड्यंत्री आतंकी इमरान खान पड़ोसी राज्यों की जांच एजेंसियों पर अरसे से निशाने पर रहा और रतलाम जिले के आला पुलिस अधिकारियों के साथ थानों का सूचना संकलन सोता रहा। कट्टरपंथी सूफा की गतिविधयों पर नजर नहीं होने से बेख़ौफ़ आतंकियों ने रतलाम में बैठे-बैठे बड़ी मात्रा में आरडीएक्स जुटाने के साथ जयपुर को दहलाने की साजिश रच ली। अफीम की सूचना पर राजस्थान पुलिस के हत्थे चढ़े आतंकियों से हरकत में आई रतलाम पुलिस के अधिकारी और सत्ता में बैठे राजनेता भले ही नाकामी से मुँह मोड़े रहे लेकिन सवाल है कि जिम्मदारों की लापरवाही कब तक छिपाई जाएगी ?
बता दें कि निम्बाहेड़ा (राजस्थान) पुलिस ने 30 मार्च को रतलाम की कार (एमपी-43 सीए-7091) से 12 किलों आरडीएक्स सहित रतलाम निवासी आतंकी अल्तमस पिता बशीर शेरानी, सैफुद्दीन उर्फ़ सैफुल्लाह पिता रमजानी दोनों निवासी शेरानीपुरा एवं जुबेर पिता फकीर मोहम्मद निवासी आनंद कॉलोनी को गिरफ्तार किया था। राजस्थान पुलिस की इस कार्रवाई ने रतलाम पुलिस पर सवाल खड़े कर दिए। तीनों गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ पर राजस्थान पुलिस ने टोंक से फरहान और मुजीब को गिरफ्तार किया। रतलाम पुलिस ने आतंकी संगठन सूफा का सेकंड मेन इमरान खान, आमीन फावड़ा और आमीन पिता अब्दुल उर्फ़ मोबाइल को पकड़कर राजस्थान पुलिस को सौंपा।
इसके बाद राजस्थान एटीएस आतंकी इमरान खान सहित रतलाम निवासी अन्य 5 आतंकियों को भारी सुरक्षा के बीच मंगलवार को रतलाम लाई थी। आतंकी इमरान खान के मुंशीपाड़ा स्थित पोल्ट्रीफार्म जिसे प्रशासन जमीदोंज कर चुका था, उसके मलबे को हटाकर कथित रूप से 4 बोरियां आपत्तिजनक सामग्री की जब्त की हैं। हालाँकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई। सूत्रों के अनुसार इन बोरियों में विस्फोटक सामग्री बड़ी मात्रा में हो सकता है। राजस्थान एसटीएस 4 बोरियों में अगर विस्फोटक ले गई होगी तो पुलिस ने जब पोल्ट्री फार्म तोड़ा तब कैसी जांच की? इन तमाम बिन्दुओं के आधार पर भी जिला पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अलावा फिसड्डी साबित हुआ थानों का सूचना संकलन सवालातों के घेरे में है।
सेंधवा बॉर्डर पर आतंकी इमरान को छोड़ दिया था पूछताछ कर, औद्योगिक थाने पर गुमशुदगी
ढाई वर्ष पहले एक अहम इनपुट पर महाराष्ट्र की जांच एजेंसी मोहननगर में आतंकी इमरान खान को घर से कुछ दूरी से अपने साथ गाड़ी में पटककर अपने साथ ले गई थी। उस दौरान शहर में इमरान के अपहरण की चर्चा ने जोर पकड़ा था और औधोगिक थाने पर गुमशुदगी भी दर्ज हुई थी। महाराष्ट्र की जांच एजेंसी ने पूछताछ कर आतंकी इमरान को अगले दिन सेंधवा बॉर्डर पर छोड़ दिया था और रतलाम आने के बाद इसने चुप्पी साध ली थी। इतना सब होने के बावजूद पुलिस अधिकारी ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। इसके पहले आतंकी इमरान पिता मोहम्मद शरीफ खान निवासी मोहननगर को 17 अप्रैल 2015 की रात मोतीनगर क्षेत्र में पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया था। कार्रवाई पश्चात गिरफ्तार इमरान खान को मोहननगर स्थित घर कारतूस तलाशने पहुंची पुलिस दंग रह गई थी। आतंकी इमरान के घर से पुलिस ने आईएसआई आतंकवादी संगठन का बम बनाने और भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने को लेकर बड़ी मात्रा में किताब और साहित्य जब्त किया था। लैपटॉप और मोबाइल फोन को जांच में लेने पर केरल के एक आतंकी से भी संपर्क में इमरान को पाया था। केरल का यह आतंकी उस दौरान आईएसआई के लिए भारत में युवा जेहादियों की भर्ती करता था। आतंकी इमरान के बैंक खातों की तलाशी में खाड़ी देश से बड़ी मात्रा में फंड ट्रांसफर होना भी सामने आ चुका है। इतना सब उजागर होने के बाद भी बड़ी मात्रा में संगठन में युवाओं को ब्रेनवाश कर देशद्रोह गतिविधियों से जोड़ना और आरडीएक्स एकत्र करना पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने लगी।