वंदेमातरम् न्यूज से विशेष चर्चा में 50 हजार से अधिक की जीत का दावा
रतलाम/सैलाना, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिले की पांचों विधानसभा में चुनावी बिछात बिछ चुकी है। जिले की सैलाना विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा विधायक हर्षविजय गेहलोत के सामने बीजेपी ने पूर्व विधायक संगीता चारेल को मैदान में उतारा है। मौजूदा विधायक एवं कांग्रेस प्रत्याशी हर्षविजय गेहलोत की बात करें तो उन्होंने जनता के बीच में कभी भी अपने आपको विधायक नहीं माना। एक आम नागरिक के रूप में अपने पिता के नक्शे-कदम पर चल कर जनता के बीच उनके सुख-दुख, हर परिस्थिति में साथ रहे। इसी के कारण कांग्रेस ने पुन: उन पर विश्वास जताते हुए प्रत्याशी बनाया है। हर्षविजय किसी पहचान के मोहताज नहीं है वह अपने क्षेत्र में “गुड्डू भैया” के नाम से भी जाने जाते है।
छ: दशक से एक छत्र जनता के दिलों में राज करने वाले गेहलोत परिवार के सबसे छोटे बेटे हर्षविजय गुड्डू भैया को एक बार फिर अपनी काबिलियत के दम पर कांग्रेस ने टिकिट दिया है। 2013 के विधानसभा चुनाव में मामूली वोटों के अंतर से पराजित हुए हर्षविजय ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार नारायण मईड़ा को 28 हजार से अधिक मतों से हराकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रमुख विधायकों में शामिल हुए थे।
विधायक एवं मौजूदा प्रत्याशी गेहलोत ने वंदेमातरम् न्यूज से विशेष चर्चा की। उन्होंने बताया कि राजनीति तो विरासत में मिली है। लेकिन अपने कैरियर की शुरुआत 1994 के नगर परिषद चुनाव से की है। नगर के वार्ड नं 8 से प्रदेश के सबसे कम उम्र के पार्षद चुने गए। पिता को 1998 में कांग्रेस ने टिकिट नहीं दिया तो निर्दलीय उम्मीदवार खड़ाकर क्षेत्र की जनता के सहयोग से सबसे कम खर्चे में करीब 18 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीता। इस चुनाव की खास बात यह रही है कि सैलाना विधानसभा में जनता दल दूसरे एवं कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही जबकि बीजेपी की तो जमानत ही जब्त हो गई थी। गेहलोत को आज भी 2013 के चुनाव में हार का मलाल है कि मात्र 2079 से वे चुनाव हार गए थे। इसके बावजूद भी पूरे पांच साल क्षेत्र की जनता के बीच रहे। उसी का फल मिला कि 2018 के चुनाव में गेहलोत धूमकेतु की तरह चमके और भाजपा उम्मीदवार को 28 हजार 500 वोटों से शिकस्त देकर विधायक बने। कोरोना काल में क्षेत्र के हजारों आदिवासी मजदूर अलग-अलग प्रांतों में मजदूरी करने गए थे जिन्हें अपने घर तक सकुशल पहुंचाकर एक जनता के प्रति सेवाभाव का परिचय दिया। पूरे विधानसभा क्षेत्र में घर-घर जाकर विधायक निधि से मास्क एवं सेनेटाइजर वितरण कर प्रदेश में अनूठी मिसाल पेश की।
अब जबकि 2023 का चुनाव है यहां भाजपा के अलावा जयस भी अपना दम भर रही है किंतु गेहलोत अपनी 50 हजार से अधिक की जीत का दावा करते हुए आश्वस्त दिखाई दे रहे। अब दोगुनी ऊर्जा के साथ अपने घर पर आने वाले क्षेत्र के मतदाताओं की समस्याओं का समाधान कर रहे है। वहीं क्षेत्र के दौरे के दौरान भी जनता की समस्याओं को सुनते हुए त्वरित हल किया जा रहा है। अपने चुनावी मैनेजमेंट के लिए मशहूर गेहलोत लगातार जनता के बीच रहे है जिसका असर यह देखने को मिल रहा है कि जनता उन्हें सिर आंखों पर बिठा रही है।