असीम राज पांडेय, रतलाम। शहर का मुख्य थाना इन दिनों नए-नए कारनामों से सुर्खियां बंटोर रहा है। स्टेशन रोड थाने की “जादूगरी” ऐसी नजर आ रही है कि पिछले दिनों होटल समता सागर में पत्ते फेंटने के दौरान कप्तान टीम ने धरे जुआरियों में एक जुआरी के गलत नाम और पते दर्ज कर उसे बेनाकब होने से बचाया। कप्तान की कार्रवाई में सांठगांठ कर सेंध लगाने के बाद कार्यवाहक फीतीधारियों का हौंसला सांतवें आसमान पहुंच गया। हाल ही में बड़ी मात्रा में शराब के साथ तस्कर को पकड़ने के बाद सांठगांठ कर नौकर को आरोपी बनाकर खानापूर्ति की। रतलाम की मीडिया के पास उपलब्ध साक्ष्य और सबूतों ने जब जिम्मेदारों को ताकिद किया तो जांच शुरू हुई। आनन-फानन में शराब तस्कर के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। यह थाना इसलिए भी चर्चा में है कि दो दिन पूर्व यहां के जादूगरों ने लोकेंद्र टॉकीज चौराहा के एक संभ्रात परिवार को आधी रात नींद से जगाकर उनकी कार की तलाशी ली। मौके पर संभ्रात परिवार के सदस्य से कहा गया कि कंट्रोल से सूचना थी। सुबह जब अधिकारियों के पास मोबाइल पहुंचे तो उन्होंने इस तरह की सूचना से इंकार कर जादूगरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। ये अंदर की बात है… कि शहर के मुख्य थाने के कुछ चुंनिंदा जादूगर जो कि पूर्व में यहां पर पदस्थ रह चुके हैं और हाल ही में फीती लगाकर एप्रोच से वापस लौटे हैं और वह आए दिन ऐसा गुल खिलाने में जुटे हैं कि जिससे उनकी अवैध कमाई 10 से 15 हजार रुपए में नहीं बल्कि लाखों में हो। थाने के मुखिया भी इन्हीं चुनींदा जादुगरों के भरोसे बैठ आधे से अधिक समय वह थाने से गायब रहते है। यहां तक थाने पर आने वालों लोगों से मिलने से परहेज करते है।
फूलछापों ने सावन माह में किया शक्ति प्रदर्शन
भक्ति और शक्ति के पावन सावन माह में इस बार फूलछाप की गुटबाजी और शक्ति प्रदर्शन चौराहों पर चर्चा का विषय बनी है। पंरपंरागत कावड़ यात्रा के अलावा कुछ नेता जो कि मुख्य धारा से बहकर किनारे हो चुके हैं उन्होंने बाबा भोले की भक्ति के नाम शक्ति प्रदर्शन कर दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। खास बात यह है कि बाबा की भक्ति में ईर्ष्या और द्वेष को भी नेता दरकिनार नहीं कर पाए। शक्ति प्रदर्शन के नाम पर जगह-जगह लटकाए फूलछापों के बड़े-बड़े बैनर-होर्डिंग में चस्पा फोटो से खुलकर पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी भरे चौराहे देखने को मिली। पंरपंरा अनुसार प्रति वर्ष दो से तीन कावड़ यात्रा की संख्या इस बार फूलछापों के शक्ति प्रदर्शन से आधा दर्जन से अधिक पहुंच चुकी थी। कुर्सी की लालसा में नेताओं ने बाबा भोलेनाथ के नाम से भले ही युवाओं की भीड़ जुटाने का प्रयास किया हो, लेकिन भीड़ का आंकलन पार्टी के वरिष्ठ और संगठन अपने-अपने स्तर पर कर रहे हैं। ये अंदर की बात है…बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनर में चमकदार फोटो लगाने और प्रतिद्वंदियों के फोटो दरकिनार कर अपने बलबूते पर राजनीति का संदेश दिया हो, लेकिन शक्ति प्रदर्शन कर राजनीति चेहरा चमकाने वाले भूल गए कि सत्ता की कुर्सी पर बैठे सभी फूलछाप महारथी एक-दूसरे के समन्वय बगैर काम नहीं करते।
बड़े बाबू ने अधीनस्थों के मुंह में जमाया दही
एक वर्ग विशेष की पाठशाला में जिला प्रशासन की महिला अधिकारी के प्रवक्ता बनने के बाद बड़े बाबू ने अधीनस्थों के मुंह में दही जमा दिया है। जिला प्रशासन की महिला अधिकारी के प्रवक्ता बनकर दिए बयान की किरकिरी के बाद विभाग के बड़े बाबू ने मीडिया में किसी भी विषय पर बयान देने से इंकार का फरमान जारी कर दिया। बड़े बाबू ने जिले भर में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को ताकिद किया कि वह किसी भी विषय में बयान नहीं देंगे। बड़े बाबू यह भूल चुके हैं कि रतलाम की मीडिया अपनी निष्पक्षता और सत्यता से कभी पीछे नहीं हटती है। किसी भी मुद्दे पर अगर बड़े बाबू के अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी बात नहीं करेंगे तो भी शिकायतकर्ता का एक पक्षीय समाचार प्रकाशित होकर उज्जैन से भोपाल कार्यालय तक पहुंचेगा। ये अंदर की बात है… कि बड़े बाबू ज्वाइनिंग से रतलाम की मीडिया के सवालों से बचते नजर आते हैं लेकिन अब अधीनस्थों के मुंह नहीं खोलने के निर्देश के बाद भले ही सोच रहे हो कि समाचार नहीं बनेगा। लेकिन उनका यह भ्रम है, क्योंकि रतलाम की मीडिया तो अपना काम बदस्तूर करेगी।