असीम राज पांडेय, केके शर्मा
रतलाम, वंदेतमातरम् न्यूज।
नए-नए फरमान से सुर्खियों में रहने वाले जिले के एक विभाग के साहब का नया कक्ष दान-दक्षिणा से चमक रहा है। आम और वरिष्ठजन को सीढ़ियों पर चढ़ने में होने वाली परेशानी पर संवेदनशील का संदेश जारी कराने वाले साहब के नए कार्पोरेट स्टाइल कक्ष में रंग-रोगन से लेकर कारपेट और कर्टन (पर्दे) काफी कीमती है। कार्पोरेट स्टाइल कक्ष तैयार करने में करीब 7 लाख रुपए खर्च हुए हैं। ये अंदर की बात है कि खर्चा उनके द्वारा किया गया जो पटरी पार की कमान संभालते है। अपने कार्यकाल में साहब की रवानगी के बाद नए साहब को खुश करने में जुटे विभाग के कुछ मातहत अब आने वाले दिनों में कैसी पारी खेलेंगे। यह सवाल विभाग के अलावा आमजन में खास है।
सताने लगी मंत्रीजी के समर्थकों को चिंता
विधानसभा-2023 की पिच पर फूलछाप पार्टी का केंद्रीय आलाकमान बेहतर बैटिंग की रणनीति बना रहा है। चौथी सूची सामने आने के बाद भी रतलाम जिले का प्रभार संभालने वाले मंत्रीजी की ज्योति (ऊर्जा) बुझी-बुझी रही। दलबदल और आलामौका के आशीर्वाद से मंत्रीजी का पद संभालने वाले नेताजी की रतलाम जिले में कार्यप्रणाली और गृहक्षेत्र में जनता की नाराजगी का आंकलन दिल्ली कार्यालय पहुंच चुका है। ये अंदर की बात है कि मंत्रीजी के साथ रतलाम में उनके समर्थक चिंता में डूबे हैं। स्थानीय स्तर पर वर्षों तक फूलछाप पार्टी का विरोध करने वाले करीबी को रतलाम का प्रभार मिलने के बाद कई मामलों में पार्टी के कार्यकर्ताओं के निशाने पर है। दलबदल के नेताओं में यह चिंता खाये जा रही है कि प्रभारी को टिकट नहीं मिला तो स्थानीय राजनीति में उनका भी कद छोटा हो जाएगा।
ध्यान आकर्षण का शुरू हुआ खेल
चुनावी शंखनाद के साथ स्वार्थ पूरे नहीं होने से सत्ताधारी पार्टी का दुपट्टा डालने वाले और जनप्रतिनिधि से नाराज कार्यकर्ता और पूर्व पदाधिकारी अचानक सक्रिय हो चुके हैं। ऐसे चेहरों और नामों को मीडिया में तवज्जों नहीं मिलने से सोशल मीडिया को सहारा बनाकर दिनभर द्विअर्थी शब्दों के माध्यम से बुराई करने का खेल जारी हो चुका है। अब यह खेल आगे जाकर किस तरफ करवट लेगा यह तो आने वाले समय में मालूम पड़ेगा। इधर चौथी सूची के जारी होते ही शहर में सत्ताधारी पार्टी के सहारे चल रहे विघ्नसंतोषी विरोधियों की आशाओं पर पानी फिर गया है। ऐसे में सोशल मीडिया को अपना सहारा बनाकर मन की भड़ास निकाली जा रही है।