असीम राज पांडेय, रतलाम। जिला मुख्यालय पर डॉक्टरों की पढ़ाई का स्कूल भले ही मरीजों को बेहतर उपचार नहीं दे पा रहा हो, लेकिन विवादों से सुर्खियां में छाया हुआ है। पिछले दिनों डॉक्टर बनाने वाले शिक्षक और स्कूल के बंदोबसिया के बीच बवाल का मामला थाने पहुंचा। बवाल का कारण मात्र यह था कि शिक्षकों ने अपने साथी की धर्मपत्नी को प्रसव के दौरान बेहतर सुविधा नहीं मिलने पर ऐसा कृत्य किया जो अशोभनीय था। वरिष्ठ अधिकारी मामले में हस्तक्षेप करते उसके पूर्व ही शिक्षक संघ ने हड़ताल का ऐलान कर दिया था। स्कूल के बंदोबसिया पर अनर्गल आरोप लगाकर मीडिया में बयानबाजी भी बड़े जोर-शोर से की लेकिन एक दिन के हंगामें के बाद शिक्षकों ने मौन धारण कर लिया। हड़ताल के पहले दिन जिले के मुखिया ने पहुंच चर्चा कर समझाने की कोशिश की लेकिन शिक्षक नहीं मानें। ये अंदर की बात है कि मामला जब संभाग के मुखिया तक पहुंचा तो उन्होंने शिक्षकों को तलब कर ऐसा अनुशासन का पाठ पढ़ाया कि सभी ने चुप्पी साध ली।
कप्तान के आदेश पर निभाई गई रस्म
सत्ता के नशे में चूर फूलछाप पार्टी के नेताजी दो दिन से फिर छाए हुए है। अबकी बार इन नेताजी ने शहरवासियों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने वाले कार्यालय के पेड़-पौधों को सहजने वाले कर्मचारी पर गुस्सा उतारा। मामले की गंभीरता के बावजूद जिम्मेदार थाने के मुखिया घटना के 24 घंटे गुजरने तक नेताजी के खिलाफ कार्रवाई करने से पल्ला झाड़ते रहे। कर्मचारियों ने जब कार्यालय के मुखिया को काम बंद करने की चेतावनी दी तो उन्होंने मामले में कप्तान को घटना से अवगत कराया। कप्तान ने पल्ला झाड़ने वाले थाने के मुखिया को मोबाइल घनघनाया तो आनन-फानन में मामूली धाराओं की रस्म अदायगी निभाई गई। इससे नाराज हो लामबंद कर्मचारी जिले के बंदोबसिया के दरबार में जा पहुंचे। नाराज कर्मचारियों की मांग है कि छह माह के भीतर नेताजी ने दूसरी बार हरकत की है वह नींदनीय है। नेताजी को तत्काल पदमुक्त करने के साथ कानूनी कार्रवाई में संरक्षण देने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई जरूरी है जिससे किसी दूसरे नेताजी के हौंसले न बढ़े।
माननीय के वाहन में सवार नेताजी ने उड़ाए होश
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में फूलछाप पार्टी को तीसरे नंबर पर धकेलने वाले नेताजी ने मंगलवार को सभी के होश पाख्ता कर दिए। मौका था सैलाना में विकसित भारत संकल्प यात्रा का। अधिकारियों-कर्मचारियों से सवाल-जवाब कर कुर्ता चमकाने वाले नेताजी कार्यक्रम स्थल पर फूलछाप पार्टी के क्षेत्रीय माननीय के वाहन में सवार होकर पहुंचे। क्षेत्रीय माननीय के वाहन से बाइक वाले नेताजी को उतरते देख स्थानीय फूलछाप पार्टी के नेताओं के चेहरे का रंग उड़ गया। बाइक वाले नेताजी ने मंच पर बैठ अधिकारियों को पुन: लताड़कर यहां तक कहा कि नौकरी छोड़ दो और हाथ का पंजा ज्वाइन कर लो। मंच से नेताजी ने देश के प्रधान के गुणगान भी गाए। चर्चा है कि यह नेताजी शुरू से मंत्रीमंडल में शामिल होने के फिराक में थे, लेकिन तवज्जों नहीं मिलने से अब लोकसभा चुनाव पर फोकस कर लिया है। ये अंदर की बात है कि यह जादू-मंतर से सीट जिताने की ताकत भी रखते हैं।