असीमराज पांडेय, केके शर्मा
रतलाम। प्रदेश के मुखिया के मंशा के विपरित दुष्कर्म के आरोप से घिरे निगमकर्मी को निलंबन से बहाल करने वाले नगर निगम के बड़े बाबू से आम जनता के साथ जिले के मुखिया भी काफी नाराज हैं। जनसुनवाई में सिटी इंजीनियर पर गरज कर कार्यप्रणाली कटघरे में खड़ा करने के दूसरे दिन निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक में निगम के बड़े बाबू की गैरहाजरी नागवारा गुजरी। जिले के मुखिया ने नगर निगम के बड़े बाबू को मोबाइल घनघनाकर सावन की रिमझिम में सामूहिक तौर पर जमकर लू उतारी तो दूसरी तरफ नोटिस जारी कर दिया। ये अंदर की बात है कि निगम के बड़े बाबू के पास सामूहिक बैठक में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय-सीमा के संबंध में पूछे जाने वाले सवालों के अलावा निगम की कार्यप्रणाली को लेकर जवाब नहीं था, क्योंकि उन्हें विकास कार्यों और आमजनता के रोजमर्रा के कार्यों से ज्यादा नियम विपरित कार्यों में दिलचस्पी है।
वीआईपी कल्चर से नहीं छूट रहा मोह
पीएम मोदी वीआईपी कल्चर खत्म करने के कितने भी दावें कर लें, लेकिन इसका असर 9 वर्ष बाद भी नजर नहीं आ रहा। सत्ताधारी भगवा पार्टी के नेता हो या खाकीधारी यह सभी देश के प्रधान की बातों का अनुसरण नहीं कर रहे। वाक्या कुछ ऐसा है कि रविवार को पुलिस मुख्यालय से एक बड़ी मैडम मेडिकल कॉलेज पहुंची। कारण रतलाम शासकीय मेडिकल कॉलेज में उनकी लाड़ली का नए सत्र में दाखिला जो हुआ। मैडम शासकीय वाहन से निज कार्य के लिए रतलाम पहुंची। पूर्व सूचना पर जिला मुख्यालय और संबंधित थाने के खाकीधारी बड़ी मैडम को सलामी ठोकने के लिए गेट पर तैनात हो गए। करीब दो घंटे से अधिक समय तक कॉलेज परिसर में मैडम ने लाडली के पढ़ने वाले कक्ष से लेकर ठहरने वाले स्थान का बारिकी से निरीक्षण किया। मां होने के नाते बेटी के प्रति स्नेह तो सभी ने समझा…यह अंदर की बात है कि वीआईपी कल्चर के साथ कॉलेज परिसर में प्रवेश कर बंदोबस्त को परखने के दौरान मौजूदा कॉलेज कर्मचारियों में चर्चा रही कि साहिबा भी क्या करें…वीआईपी कल्चर का मोह ही कुछ ऐसा है।
मेरा तो ट्रांसफर होने वाला है
शहर में बड़ती गुंडागर्दी, नकबजनी सहित अन्य तमाम अपराधों से सवालों से बचने वाले तीन तारों के साहब सफाई में यह कहते -फिरते हैं कि मेरा तो ट्रांसफर होने वाला है। चौराहों पर चर्चा है कि जब से तीन तारों के साहब ने शहर की सुरक्षा की कमान संभाली है तभी से अपराधियों के हौंसले बढ़े हैं और पीड़ितों ने जनसेवा और देशभक्ति वाले विभाग से विश्वास खो दिया। खान-पान की दुकान रात 11 बजे से पूर्व बंद कराने के लिए वायरलैस पर आदेश घनघनाने में माहिर तीन तारों के साहब का गुंडे-बदमाशों में खौफ नहीं है। अपराध के बाद भी सामना करना इन्हें पसंद नहीं आता। कॉलेज रोड पर ज्यूस बेचने वाले की पिटाई हो या चांदनीचौक में चाट व्यवसायी की हत्या या गायत्री टॉकीज के समीप पाव-भाजी के ठेला संचालक को चाकू मारने से पहले रंगदारी दिखाने की वारदात, सभी में इनका गैर जिम्मेदाराना जवाब यह रहा कि मैं क्या करूं… मेरा तो ट्रांसफर होने वाला है। ये अंदर की बात है कि साहब की कार्यप्रणाली से वाकिफ प्रदेश के अन्य जिलों के कप्तान इन्हें पास बुलाने से कतरा रहे हैं।