असीम राज पांडेय, केके शर्मा, जयदीप गुर्जर
रतलाम। शहर के व्यापारिक केंद्र का प्रमुख थाना आमजन में फिर छाया हुआ है। नवागत कप्तान मीडिया से मुखातिब होकर भले ही जुए-सट्टे की पाबंदी को लेकर दावे भर चुके हो लेकिन कप्तान के इन दावों से व्यापारिक केंद्र थाना बेअसर है। इस सप्ताह आईपीएल क्रिकेट मैच में मैदान में खिलाड़ी, मोबाइल में सटोरिये और जोड़तोड़ में व्यापारिक केंद्र का थाना ज्यादा रिश्वत बंटोरने में अव्वल रहा। वाक्या कुछ ऐसा है कि मुखबीर की सूचना पर चौमुखीपुल क्षेत्र से रात करीब 10.30 बजे क्रिकेट सटोरिये को उठाया गया। सटोरिये को उठाने की खबर सट्टा बाजार में आग की तरह फैली और जोड़तोड़ की कवायद शुरू हो गई। अंतत: परिणाम वही हुआ कि बड़े क्रिकेट सटोरिये को बचाने में जुटे शुभचिंतकों को सफलता मिली। हालांकि एवज में 2 लाख रुपये की रिश्वत भेंट करने के साथ फर्जी सटोरिया “आजाद” को कैद कराने के लिए 10 हजार रुपये खर्च करने की चर्चा खास से आम के बीच में जोर-शोर से शहर में सुनाई देने लगी। 2 लाख की रिश्वत लेकर क्रिकेट सटोरिये की जगह पर्ची के सटोरिया के खिलाफ मुकदमें में गलती यह हुई कि जिस रात थाने में फर्जीवाड़ा हुआ। उस दौरान देश में अंक यानी पर्ची का सट्टा बंद था। अब सबकी निगाह नवागत कप्तान पर है कि व्यापारिक केंद्र थाने में जादूगरी से हुई फर्जी कार्रवाई में दोषियों के खिलाफ क्या एक्शन लेते हैं ?
जिले के राजा के शब्द सुन नेताजी रह गए दंग
प्रदेश के मुखिया का दौरा इस बार उनकी सुरक्षा व्यवस्थों के विपरित था। मंच पर जो लोग नहीं होना चाहिए वह भी मुखिया के आने के पहले इस तरह चहल कदमी कर रहे थे मानों वहीं कर्ताधर्ता है। ऐसे में जिले के राजा को मनमाफिक व्यवस्था नहीं होने पर अधीनस्थों को हडक़ाने पर मजबूर होना पड़ गया। मुख्य कार्यक्रम स्थल नेहरू स्टेडियम पर प्रदेश के राजा पहुंचते, उसके पहले जिले के राजा को ऐसा गुस्सा आया कि उनकी बातें सुन समीप खड़े नेताजी भी भौचक्के रह गए। जिले के राजा को यह चिंता सता रही थी कि कहीं कोई चूक न हो जाए, बार-बार अधीनस्थों को समझाइश के बाद भी अनुरूप व्यवस्था नहीं मिली तो उन्होंने मंच पर खड़े होकर अधीनस्थों की लू उतार दी। जिले के राजा यह भी नहीं देख रहे थे कि वह महिला अधिकारियों सहित अन्य पर गुस्सा उतार रहे हैं, उस दौरान एक नेताजी भी वहां खड़े होकर सब देख व सुन रहे थे। जिले के राजा के शब्द सुन नेताजी दंग रह गए, कहने लगे कि महाशय का पारा तो ज्यादा गरम है। तब स्थानीय अधिकारियों ने नेताजी को बताया कि हमारे सामने तो यह रोज की बात है।
फूलछापों से दब गए प्रदेश के राजा
प्रदेश के राजा रतलाम को करोड़ों की सौगात और फूलछाप से बचकर रहने का सबक लेकर विदा हुए। विधानसभा चुनाव पूर्व कार्यकर्ताओं से रूबरू होकर नई ऊर्जा का संचार करने पहुंचे मुख्यमंत्री के साथ सभी में सेल्फी लेने की चाहत थी। कार्यकर्ताओं का उत्साह को देख मुख्यमंत्री भी खुद को नहीं रोक पाए और प्रोटोकॉल को दरकिनार कर अनुमति दे डाली। इस दौरान मंच पर क्षमता से अधिक भीड़ जुटने पर हुआ कुछ ऐसा कि मुख्यमंत्री फूलछाप कार्यकर्ता और पदाधिकारियों से दब गए। स्थानीय नेताओं और सुरक्षाकर्मियों ने जैसे-तैसे उन्हें बाहर निकाला और मंच से भीड़ हटाई। हालांकि मुख्यमंत्री उक्त घटना के बाद हंसते-हंसते वाहन तक जरूर पहुंचे, लेकिन दिल में उनके यही सबक था कि फूलछापों से तो बचकर ही रहना चाहिए।