रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
मध्यप्रदेश के रतलाम में सात दिन पूर्व उजागर हुए महिला और उसके दो मासूमों की नृशंस हत्याकांड के बाद अब एक मार्मिक पहलू भी सामने आया है। दरअसल पूरा मामला देशी नस्ल के कुत्ते “कालू” से जुड़ा हुआ है। यह मृत निशा बोरासी और उसके मासूम अमन और ख़ुशी का पालतू कुत्ता है। क्षेत्रवासियों के अनुसार कालू मृत बच्चों और उनकी माँ से इतना प्यार करता था कि जब स्कूल बस आती थी तो उन्हें भोंककर घर से बाहर बुलाता था और बच्चों के बस में बैठने के बाद वह कॉलोनी के मोड़ तक पीछे-पीछे दौड़ता था। दोनों बच्चे उसे हाथ हिलाकर बाय-बाय भी करते थे। तीनों की हत्या के बाद आरोपी पति सोनू पालतू कुत्ते “कालू” को दूर छोड़ आया था, लेकिन वह वापस घर आ गया। अब कालू जहां लाश गाड़ी थी वहां पोर्च में बैठकर 24 घंटे बच्चों व महिला को याद कर रहा है। कालू निशा व बच्चों के ना होने से काफी उदास और गुस्सेल हो चुका है।
सड़क से कालू को उठाने के दौरान निशा ने कही थी बहुत बड़ी बात
क्षेत्रवासियों के अनुसार करीब एक वर्ष पूर्व “कालू” का जन्म निशा बोरासी के घर के सामने प्लॉट में हुआ था। जन्म के एक माह के भीतर ही माँ और अन्य जन्में बच्चों की मौत के बाद कालू अकेला रह गया था। धार्मिक और व्यवहार कुशल निशा और उनके दोनों बच्चों को उस पर दया आने पर “कालू” को पाल लिया था। क्षेत्र की महिलाओं ने जब निशा से पूछा था कि आपके यहां पहले से 7 महंगे कुत्ते हैं तो सड़क के कुत्ते के बच्चे की क्या जरुरत ? इस पर मृत निशा ने सुन्दर सा जवाब दिया था कि इसकी सेवा भी मेरे हिस्से में कहीं न कहीं लिखी होगी। मृत निशा का उक्त संवाद वंदेमातरम् न्यूज के सामने दोहराने के दौरान सभी की आंखें नम हो गई।
यह था मामला :
कनेरी रोड स्थित विंध्यवासनी कॉलोनी निवासी रेलकर्मी सोनू तलवाड़िया ने नवंबर-2022 में लिव इन में रहने वाली निशा बोरासी, 7 वर्षीय अमन और 4 वर्षीय खुशी की कुल्हाड़ी से निर्मम हत्या कर दी थी। जघन्य हत्याओं के बाद आरोपी पति सोनू ने सैलाना यार्ड निवासी बंटी उर्फ जितेंद्र कैथवास के सहयोग से तीनों के खून से लथपथ शवों को मकान के आगे पोर्च में गड्ढे में गाड़ दिए थे। इसके बाद आरोपी सोनू ने घर में पालतू 7 विदेशी नस्ल के कुत्तों को अपने परिचितों को अलग-अलग दे आया था। इसके बाद आरोपी सोनू मृत निशा और बच्चों के सबसे प्यारे कुत्ते “कालू” को दूर जंगल में छोड़ आया था। जंगल से वापस आया कालू भूखा-प्यासा पोर्च में गड्ढे के पास बैठ व्याकुल होकर यादों में रो रहा है। रहवासी भी उक्त दृश्य को देख नम हैं और कालू को दूर से पानी के साथ दूध का भरा कटोरा खिसका कर उसे सांत्वना देने में जुटे हैं।