जयदीप गुर्जर
रतलाम, वन्देमातरम् न्यूज।
नगर निगम चुनाव में रतलाम महापौर के सिंहासन पर कौन काबिज होगा इसका फैसला बुधवार को होगा। मतों की गणना शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में होगी। सभी 49 वार्डों की मतगणना एक साथ करने के लिए 49 टेबल लगाई गई है। मतगणना के दौरान सभी 270 बूथों के मतों की गणना एक साथ शुरू होगी। एक ही राउंड में 49 बूथों की गणना शुरू होगी। 162 कर्मचारी मतगणना के कार्य में जुटेंगे। 6 राउंड में मतगणना का कार्य पूरा होगा। सबसे पहले वार्ड क्रमांक 32 के परिणाम सामने आएंगे क्योकि यहां पर सिर्फ 3 बूथ है और सबसे अंत में वार्ड क्रमांक 8 और वार्ड क्रमांक 19 के परिणाम आएंगे। इन दोनों वार्डों में बूथ की संख्या अधिक होने से 9-9 राउंड में मतों की गिनती है। फिलहाल ऊँट किस करवट बैठेगा यह कल मालूम होगा।इसी बीच दोनों दलों में देर तक मन्त्रणा बैठक जारी है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि शांतिपूर्ण मतगणना में कोई भी बाधा नहीं आने दी जाएगी। असामाजिक और गुंडा तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। मतगणना व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार सुबह कलेक्टर ने तैयारियों का निरीक्षण किया।
कौन होगा रतलाम महापौर?
रतलाम महापौर रेस में भाजपा के प्रहलाद पटेल और कांग्रेस के मयंक जाट के बीच कांटे की टक्कर है। राजनीतिक गलियारों के विशेषज्ञ मतगणना के अंतिम दिन तक भी दोनों में से किसी एक की जीत पर ठप्पा नहीं लगा पा रहे हैं। 50-50 के हालात अभी तक बने हुए है। प्रदेश में सर्वाधिक 70 प्रतिशत मतदान रतलाम में हुआ है। ऐसे में बढ़े हुए मतदान प्रतिशत को दोनों ही पार्टी अपने पक्ष में बता रही है। हालांकि पिछली बार 67 प्रतिशत हुआ था जो इस बार केवल 3 प्रतिशत ही बढा है। भाजपा पिछले 3 निकाय चुनावों में लगातार लीड हासिल करते हुए सत्ता पर काबिज बनी हुई थी। इस बार चुनाव में पहली बार कांग्रेस का मजबूत प्रत्याशी मैदान में होने से भाजपा को काफी मशक्कत करना पड़ी। नतीजतन रतलाम में अब तक कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है।
क्या कहता है रतलामी माहौल
वंदेमातरम् न्यूज के विश्लेषण में अब तक जो स्थिति है वह कांग्रेस के पाले में जाती दिखाई दे रही है। मगर हाल ही में आये प्रदेश के 11 निकायों के परिणाम में भाजपा की बढ़त ने रतलाम में असमंजस पैदा कर दिया है। मुकाबला 50-50 का बनकर रह गया है। अपुष्ट आंकड़ो के अनुसार वोट बैंक का अनुपात लगाया जाए तो रतलाम में 35 हजार के लगभग मुस्लिम, 55 हजार ब्राह्मण, 31 हजार जैन व 80 हजार के लगभग अन्य समाज के मतदाता है। इनमे 1 लाख युवा वोटर्स है। मतदान केवल 1 लाख 50 हजार लोगों ने किया है।
ऐसे में अब मुस्लिम वोट एक तरफा कांग्रेस में गिरना तय है। इसका प्रतिशत भी बढ़कर ही सामने आएगा। बात ब्राह्मण वोट की करे तो 50% ब्राह्मण वोट मयंक के सनातनी फेक्टर को पसंद करते हुए उसके पाले में जाता दिखाई दे रहा है। युवाओ के मतदान की बात करे तो युवाओं में कांग्रेस के मयंक का काफी क्रेज रहा जिससे युवाओं का एकतरफा रुझान भी कांग्रेस में रहा। जैन वोटर्स की बात करें तो व्यापारिक पृष्ठभूमि रखने वाला जैन समाज भाजपा को पसंद करता आ रहा है। मगर मुख्य बाजारों के खस्ता हाल से यह अंदेशा है की इस बार व्यापारिक वोट भाजपा से कन्नी काट बैठा है।
वहीं अन्य वोटर्स जो कि सनातनी वोट बैंक कहे जाते हैं वो भी 50-50 बंट चुके है। यह रुझान एक तरह से कांग्रेस के मयंक को आगे लाकर रख रहा है। शहर में भाजपा की पिछली नगर सरकार के निराशाजनक प्रदर्शन को देखकर अगर जनता ने मतदान किया होगा, तो निश्चित रूप से कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। लेकिन भाजपा के साइलेंट वोटर इस गणित को बदल भी सकते हैं। अंदेशा लगाया जा रहा है की इस बार भाजपा की जीत तो होगी मगर भाजपा लीड नहीं ले पाएगी। वहीं कांग्रेस के लिए यह मौके पर चौके लगाने जैसा समय था। जिसका पूरा फायदा भी कांग्रेस ने लिया है।
यह रहा मतदान का गणित
रतलाम में कुल 2,14,337 मतदाता है, जिनमें से 1,50,073 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसमें पुरूष मतदाता 77,242 है जबकि महिला मतदाता 72,829 है। मतगणना के मान से रतलाम में मध्यप्रदेश की 16 नगर निगम में सर्वाधिक 70 प्रतिशत मतदान हुआ है। 49 वार्डों में से वार्ड क्रमांक 30 से भाजपा की पार्षद प्रत्याशी शबाना खान निर्विरोध चुनी गई है, कांग्रेस प्रत्याशी ने यहां से अपना नाम वापस ले लिया था। ऐसे में अब 154 पार्षद प्रत्याशियों के साथ 6 महापौर प्रत्याशी के परिणाम आएंगे। मैदान में भाजपा के 18 और कांग्रेस के 11 बागी प्रत्याशी भी मैदान में है। इस बार लगभग 10 निर्दलीय पार्षदों के आने का अनुमान है। 1999 से 2014 तक नगर निगम परिषद में भाजपा का कब्जा रहा है। इसमें भाजपा को दो बार पूर्ण बहुमत मिला है।